
WHO अलर्ट: COVID के बाद दुनिया पर मडरा रहा इस जानलेवा वायरस का खतर
अभी कोरोना का खतरा ठीक से समाप्त भी नहीं हुआ कि WHO ने फिर एक अलर्ट जारी कर कहा है कि एक जानलेवा वायरस का खतरा दुनिया पर मड़रा रहा है। साथ ही बताया है कि आने वाले समय में एक साथ कई बिमारियों के फैलने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस अलर्ट के बाद से स्वास्थ्य जगत के विशेषज्ञों में नई बहस शुरू हो गयी है।
उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ने दुनिया को चेतावनी दी है कि मौसम के जरूरत से ज्यादा गर्म होने के कारण डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।

अल नीनो की हो सकती है वापसी:
उष्ण कटिबंधीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्री तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव को अल नीनो कहा जाता है, जो पूरे विश्व के मौसम को अस्त-व्यस्त कर देता है। यह बार-बार घटित होने वाली मौसमी घटना है। अंदेशा है कि अल नीनो की चार साल बाद वापसी हो रही है। जिसके कारन दुनिया भर में बेहद गर्म मौसम और कृषि अव्यवस्था/समस्या का खतरा मंडरान लगा है।
डेंगू-चिगनगुनिया है बड़ा खतरा :
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट किया है कि देश के हेल्थ सिस्टम पर संक्रमण काफी ज्यादा मुसीबत ला सकता है।
अल नीनो दुनिया भर के देशों में फैलने वाला है। मच्छर जो इस वायरस को तेजी से फैलाते हैं वो गर्म मौसम में खूब फलते फूलते हैं।
ट्रॉपिकल बीमारियां (उष्णकटिबंधीय बीमारियां) पहले से ही साउथ अमेरिका के देशों में बढ़ रही है। एशिया में भी इसका काफी अधिक खतरा मंडरा रहा है। कुछ देश जैसे पेरू पहले ही इस साल जरूरत से ज्यादा डेंगू के मामले बढ़ने पर स्टेट इमरजेंसी घोषित कर चुके हैं। आपको बता दें कि इस साल रिकॉर्ड डेढ़ लाख डेंगू के मामले सामने आए है पेरू में। थाईलैंड में जून के पहले सप्ताह के दौरान ही 19,503 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं, जो कि बीते तीन सालों में सबसे ज्यादा हैं। कंबोडिया और मलेशिया जैसे देशों में भी डेंगू के केस केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी प्रकार एशिया के अन्य देशो में भी हालात चिंताजनक है।
पिछले साल के अंत से लेकर अब तक चिकनगुनिया से करीब मौत के 40 मामले सामने आ चुके हैं साउथ अमेरिकी देश परागुआ से।
इसी प्रकार संक्रमण जन्य बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही है।

भारत की स्तिथि :
बरसात के मौसम के दौरान डेंगू महामारी की अवधि जून से अगस्त के आसपास होती है। ऐसा माना जाता है कि डेंगू के संचरण के लिए जलवायु एक महत्वपूर्ण कारक है। इसी मौसम में आमतौर पर देश में मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा मरीज मिलते है और उनसे मौते भी होती है।
आकड़ो की बात करें तो पिछले वर्षों में डेंगू के मामलों की काफी अधिक संख्या दर्ज की गई थी: 2017 में 188401; 2019 में 157315; और 2021 में 193245; पुरुष और महिला दोनों इसकी चपेट में आते हैं। डेंगू की वजह से सबसे ज्यादा बच्चों की मौत होती है। इसलिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. बता दें कि वर्ष 2022 में भारत में कुल 303 लोगों की डेंगू से मौत हो गयी थी ।