James Cameron आखिर डूबे हुए टाइटैनिक से क्या निकालना चाहते हैं ,अब तक 33 बार लगा चुके हैं गोता मलबा देखने के लिए
1997 में टाइटैनिक फिल्म बनाने वाले हॉलीवुड फिल्म निर्माता जेम्स कैमरून डूबे हुए टाइटैनिक से कुछ खास निकाल कर लाना चाहते हैं. 111 साल पहले अपनी पहली यात्रा में ही डूबने वाले इस जहाज के अंदर ऐसा क्या है, जो कैमरून को अपनी ओर खींच रहा है. आइए जानते हैं?
बरसों से समुद्र विज्ञानी और एक्सपर्ट्स इस पर बहस कर रहे हैं कि टाइटैनिक के मलबे से चीजें निकाल कर कैसे लाई जाएं? मकसद ये है कि इन वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाकर लोगों को टाइटैनिक हादसे की जानकारी देना चाहते हैं. सवाल ये भी उठता है कि क्या इसी बहाने इंसान समुद्र के उस हिस्से की गहराई नापना चाहते हैं, जहां पर 1500 लोगों की मौत हो गई थी.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि साल 1995 से 2005 के बीच जेम्स कैमरून 33 बार टाइटैनिक के मलबे तक गोता लगा चुके हैं. वह जानते हैं कि इस गहराई में किस तरह की दिक्कतें आती हैं. कैमरून एकदम सही समय पर सही जगह हिट कर रहे हैं. इस समय अमेरिकी सरकार ये सोच रही है कि मलबे पर नियंत्रण किया जाए. या उस कंपनी को काम दिया जाए, जो अब तक टाइटैनिक से 5500 चीजें ऊपर ला चुकी है.