Update>रीवा:(अम्बा गांव आत्महत्या मामला) प्रशासन ने 5-5 हजार मुआवजे में देकर खुलवाया जाम, हुआ अंतिम संस्कार

रीवा: (अम्बा गांव आत्महत्या मामला) प्रशासन ने 5-5 हजार मुआवजे में देकर खुलवाया जाम, हुआ अंतिम संस्कार

  • हृदय विदारक घटना
  • अंबा गांव में 4 लोगों के सुसाइड से मातम
  • दो बच्चों सहित पति-पत्नी की एकसाथ उठी अर्थी
  • कर्ज बना सुसाइड का कारण, परिजन बोले-CBI जांच हो
  • 5-5 हजार मुआवज
  • हुआ अंतिम संस्कार

रीवा: सूबे के अंबा गांव में एक ही परिवार के चार शव जब घर पहुंचे तो हर किसी की आखें नम हो गईं। शव देखकर सारे इलाके में सनाका खिच गया। दृश्य इतना विदारक था कि न केवल इलाके के लोग बल्कि पशु पक्षी तक द्रवित हो उठे। क्या अपने, क्या पराये जिसने भी सुना उसका कलेजा मुँह को आ गया।

आपको बता दें कि ये शव भोपाल में गुरुवार को बच्चों को जहर देकर सुसाइड करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा और उनकी पत्नी के हैं। परिजनों ने शव जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया है। उन्होंने मामले में CBI जांच और मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, शवों का अंतिम संस्करा नहीं करेंगे।

भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38 वर्ष) ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों ऋषिराज (9 वर्ष ) और ऋतुराज (3 वर्ष) को जहर पिला दिया था। इसके बाद पत्नी रितु (35 वर्ष) के साथ फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था।

प्राप्त जानकारी अनुसार गुरुवार-शुक्रवार की रात तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर अंबा गांव पहुंचे। शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट के लिए रवाना हुए, लेकिन चोरहटा से रतहरा जाने वाली सड़क पर परिजन शव लेकर बैठ गए।

गांव के जितेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि मृतक के पिता शिवनारायण विश्वकर्मा राजपरिवहन विभाग के कर्मचारी हैं। उनकी तीन बेटियां और दो बेटे है। दोनों बेटे भोपाल में ही रहते है। बड़ा बेटा नरेंद्र विश्वकर्मा मंत्रालय के सामने वाली कालोनी और छोटा बेटा भूपेंद्र विश्वकर्मा रातीबड़ में रहता था। वह निजी बैंक में इंश्योरेंस का काम करता था। जाने अचानक ऐसा क्या हो गया, कि पुरे परिवार ने एक साथ आत्महत्या कर डाली। ये बातें गांव और परिवार वाले लोग सोच सोच कर परेशान है।

पड़ोसियों ने बताया कि भूपेंद्र विश्वकर्मा की शादी 13 साल पहले सतना जिले के ककरा गांव में रितु से हुई थी। दोनों शादी के बाद काफी खुश थे। दो बेटे भी हुए। पता नहीं परिवार को किसकी नजर लग गई। इधर जवान बेटे, बहू और दो पोतों की मौत से शिवनारायण विश्वकर्मा का रो-रोकर बुरा हाल है। मां पूरी रात शव के इंतजार में घर के बाहर गांव वालों के साथ ही बैठी रही। बीती रात मोहल्ले के कई घरों में चूल्हा नहीं जला।

प्राप्त जानकारी अनुसार प्रशासन ने पांच पांच हजार मुआवजे देने की बात मानी है। जिस पर ग्रामीणों ने जाम खोला और अंतिम संस्कार किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *