G20 घोषणा पत्र में सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई का एलान, कही गई ये बात
घोषणा पत्र के अनुसार, हम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय या क्षेत्रीय सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।
जी20 के दिल्ली घोषणा पत्र में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय या क्षेत्रीय सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने की बात कही गई है। साथ ही तस्करी की गई सांस्कृतिक संपत्ति की उनके मूल समुदायों के पास वापसी और पुनर्स्थापना पर भी जोर दिया गया है। सांस्कृतिक संपत्ति का संरक्षण और पुनर्स्थापना भारत के प्रभावशाली समूह की अध्यक्षता में व्यक्त संस्कृति के चार स्तंभों में से एक है।
जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन बीती 9-10 सितंबर को दिल्ली में भारत मंडपम में किया गया था। घोषणा पत्र के अनुसार, हम राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय या क्षेत्रीय सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं, ताकि मूल देशों में इनकी वापसी और पुनर्स्थापना हो सके। जी20 के दौरान भारत में संस्कृति कार्य समूह की चार बैठकें हुईं। इनमें से आखिरी बैठक 26 अगस्त को वाराणसी में आयोजित हुई थी।
जी20 घोषणापत्र के अनुसार, सांस्कृतिक संपत्ति का विनाश और अवैध तस्करी गंभीर अपराध है और इसे मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार, कर चोरी और आतंकवादी वित्तपोषण से जोड़ा जा सकता है। वाराणसी में हुई संस्कृति कार्य समूह की बैठक में संस्कृति के चार स्तंभों पर विचार विमर्श किया गया। इनमें सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा और पुनर्स्थापना, स्थायी भविष्य के लिए जीवित विरासत का दोहन, सांस्कृतिक और रचनात्मक उद्योगों और रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, संस्कृति की सुरक्षा और प्रचार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ लेना शामिल हैं।