दिल्ली: अंबेडकर हॉस्पिटल में बन रहा सबसे बड़ा मातृ-शिशु केंद्र, पढ़िए क्या-क्या होंगी सुविधाएं?
रोहिणी के बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल में बनाये जा रहे 7 मंजिला मातृ-शिशु केंद्र में तमाम तरह की आधुनिक और उन्नत चिकित्सीय व्यवस्थाएं उपलब्ध होंगी. यह केंद्र 461 बेड वाला होगा, जिसमें प्रसूता और नवजातों के लिए अलग से 35-35 गहन चिकित्सा इकाई (ICU) वाले बेड का भी इंतजाम होगा.
नई दिल्लीः रोहिणी स्थित बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में बन रहे मातृ एवं शिशु केंद्र (मदर एंड चाइल्ड केयर यूनिट) की 461 बिस्तर क्षमता होगी. आधुनिक सुविधाओं से लैस सात मंजिला केंद्र राजधानी का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु केंद्र होगा.
इस निर्माणाधीन केंद्र में गंभीर अवस्था में आने वाली महिलाओं और प्रसूताओं के लिए 20 ICU बेड की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा 24-24 बेड की दो न्यू बॉर्न यूनिट भी बनाई जा रही है. इन दो यूनिट में से एक के उन नवजातों को रखा जाएगा, जिनका जन्म अंबेडकर अस्पताल में हुआ है, वहीं दूसरे यूनिट में उन नवजातों के लिए आरक्षित रखा जाएगा, जिनका जन्म कहीं और हुआ हो.
इस केंद्र के सभी साथ मंजिलों पर एक-एक ऑपरेशन थियेटर भी होगा. साथ ही इस केंद्र में 30 लेबर डिलीवरी रूम भी बनाये जा रहे हैं. इस मातृ-शिशु केंद्र के निर्माण का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है और इसके अगले 6 महीनों में पूरे हो जाने की उम्मीद की जा रही है. जिसके बाद अस्पताल अपनी विस्तारित क्षमता के साथ महिलाओं और बच्चों का इलाज कर पाने में सक्षम हो जाएगा.
बाबा साहब अस्पताल का मातृ-शिशु केंद्र दिल्ली का इकलौता ऐसा केंद्र होगा, जहां 461 बिस्तर की क्षमता उपलब्ध होगी. इसकी शुरुआत के बाद यह एम्स स्थित मातृ एवं शिशु ब्लाक से भी बड़ा केंद्र हो जाएगा. बता दें कि एम्स के मातृ-शिशु केंद्र की क्षमता 427 बेड की है. जबकि रोहिणी के बाबा साहब अस्पताल में बन रहे मातृ-शिशु केंद्र में 461 बेड होंगे.
नए मातृ एवं शिशु केंद्र के लिए लगभग एक हजार स्टाफ की जरूरत होगी. इसमें चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मी आदि शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया कि इस केंद्र के जरूरी स्टाफ के बारे में प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है.