Space Sc>जब मरता हुआ तारा अपने ही ग्रह को निगल गया_वैज्ञानिकों ने पहली बार देखा ऐसा नज़ारा/क्या होगा इसका पृथ्वी पर प्रभाव?

जब मरते हुए तारे ने निगल लिया पूरा ग्रह, वैज्ञानिकों ने पहली बार देखा ऐसा नज़ारा

वैज्ञानिकों को अब तक कई सबूत मिले हैं जिसमें तारों ने अपने आस-पास के ग्रहों को निगला है. लेकिन ये पहली बार हुआ कि उन्होंने इस घटना को अपनी आंखो से देखा. शोधकर्ताओं का कहना है कि आने वाले कुछ सालों में हमारा सूर्य भी पृथ्वी को कुछ इसी तरह से निगल जाएगा.


पहली बार वैज्ञानिकों ने किसी तारे को ग्रह निगलते हुए देखा ।
तारे को अपने ही किसी ग्रह को निगलते हुए देखा है. आने वाले समय में हमारे अपने ग्रह के भाग्य का यह एक ट्रेलर हो सकता है. सूरज जिस तरह से बढ़ रहा है, 5 अरब सालों में पृथ्वी के साथ भी कुछ ऐसा ही हो सकता है.

यह मरता हुआ तारा पृथ्वी से 13,000 प्रकाश-वर्ष की दूरी पर स्थित था. यह अपने मूल आकार से हजारों गुना बड़ा हो गया था. खगोलविदों ने इस ग्रह की मौत को सफेद रौशनी के रूप में देखा, जो 10 दिनों में बहुत तेजी से बढ़ी थी. इस रौशनी और ग्रह को निगलने वाले तारे में से बाहर निकलने वाली सामग्री के कैमिकल सिग्नेचर की स्टडी करने पर पता लगा कि इस तारे ने जिस ग्रह को निगला था, वह पृथ्वी के आकार के कम से कम 30 गुना बड़ा था. यह ग्रह एक विशाल गैस का गोला था. इस घटना से जुड़ी जानकारी को नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है.

प्रकाश 100 दिनों तक चमकता रहा और इसके बाद बुझ गया ​
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कवली इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स एंड स्पेस रिसर्च के एक पोस्टडॉक्टोरल छात्र और शोध के मुख्य लेखक किसलय डे का कहना है कि हम पृथ्वी का भविष्य देख रहे हैं.

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