शिवराज सरकार प्रदेश पर बढ़ा रही है कर्ज का बोझ, आज लिया जाएगा एक हजार करोड़ का नया कर्ज…..
प्रदेश में कर्ज का बोझ बढ़ा रही शिवराज सरकार! चुनाव से पहले RBI से लेंगे एक हजार करोड़
भोपाल: राज्य सरकार मंगलवार को रिजर्व बैंक के मुम्बई कार्यालय के माध्यम से अपनी गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर एक हजार करोड़ रुपयों का बाजार से कर्ज उठायेगी। इस कर्ज की अदायगी 16 साल बाद की जायेगी बीच साल में दो बार और इस बीच साल कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जायेगा। इससे पहले 26 मई 2023 एवं 9 जून 2023 की सूचना से क्रमशः को 2 हजार करोड़ एवं 4 हजार करोड़ रुपये का कर्ज उठाया गया था। राज्य सरकार पर कर्ज का कुल भार 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ सात लाख हो गया है।
एमपी सरकार: शिवराज सरकार एक बार फिर से कर्ज ले रही है। कर्ज लेने की खबर के बाद कांग्रेस हमलावर है। इस बार शिवराज सरकार बाजार से 1000 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है।
भोपाल: 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ 7 लाख रुपए के कर्ज तले दबी मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर कर्ज ले रही है। इस बार एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा रहा है। मंगलवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुंबई कार्यालय के माध्यम से सरकार अपनी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज का विक्रय करके 1000 करोड़ रुपए का बाजार से कर्ज ले रही है। इस कर्ज की अदायगी 16 साल के बाद की जाएगी। इस बीच साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाना तय हुआ है। इस वित्तीय वर्ष में शिवराज सरकार पहले भी दो बार कर्ज ले चुकी है।
26 मई 2023 की सूचना से 2 हजार करोड़ रुपए और 9 जून 2023 की सूचना पर 4000 करोड़ रुपए का कर्ज उठाया गया था। अब मंगलवार को फिर एक हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया जाना है। मार्च 2023 की स्थिति में मध्य प्रदेश राज्य पर कर्ज का कुल भार 3 लाख 31 हजार 651 करोड़ 7 लाख रुपए है।
रिजर्व बैंक के पास गिरवी रखा स्टॉक :
एक हजार करोड़ के लोन के लिए सरकार ने आरबीआई के पास स्टॉक गिरवी भी रखा है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। वित्त विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में स्पष्ट है कि आज हजार करोड़ रुपए के लिए बिडिंग होगी। इसके बाद कल सरकार के खाते में कर्ज की रकम आरबीआई ट्रांसफर कर देगा।
चुनावी साल में योजनाओं को मिलेगी गति :
मध्यप्रदेश में आगामी दो महीने में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। शिवराज सरकार पिछले कई सालों में जनहित और सामाजिक कल्याण से जुड़ी हुई योजनाओं को चल रही है। हाल ही में लाडली बहन योजना की शुरुआत की गई। इसके साथ ही युवाओं के लिए स्काई योजना को भी लागू किया गया। इन तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ा है।
यही कारण है कि सरकार कर्ज के सहारे योजनाओं को पूरा करने की कवायद कर रही है। अकेले लाडली बहन योजना में ही साढे़ 1200 से 1300 करोड़ रुपए हर महीने सरकार खर्च कर रही है।
सरकार ने कब-कब लिया कर्ज :
- 25 जनवरी 2023- 2000 करोड़
- 02 फरवरी 2023- 3000 करोड़
- 09 फरवरी 2023- 3000 करोड़
- 16 फरवरी 2023-3000 करोड़
- 23 फरवरी 2023- 3000 करोड़
- 02 मार्च 2023- 3000 करोड़
- 09 मार्च 2023- 2000 करोड़
- 17 मार्च 2023- 4000 करोड़
- 24 मार्च 2023- 1000 करोड़
- 29 मई 2023- 2000 करोड़
- 14 जून 2023- 4000 करोड़
- 12 सितंबर 2023-1000 करोड़, रकम कल खाते में आएगी।
कांग्रेस ने किया हमला:
कांग्रेस ने कर्ज लेने की खबर को लेकर सरकार पर हमला किया है। वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। अपने चुनाव के चक्कर में प्रदेश को कंगाल कर जाएंगे। तन्खा ने आरोप लगाए कि राजनीतिक चीफ सेक्रेटरी, प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट लोगों की सभाओं को सफल बनाने में 19 करोड़ खर्च हुआ।
तन्खा ने आगे कहा कि शिवराज जी ने मन बना लिया हैं कि मप्र कितने भी क़र्ज़ में डूब जाएं, प्रदेश 4 लाख करोड़ क़र्ज़ के बोझ से सदियों तक पीड़ित रहे। सरकारी खजाने से हजारों करोड़ के विज्ञापन और वोट के लिए शासकीय धन बांट कर जीत का एक मात्र रास्ता चुना। तन्खा ने सवाल किया कि ऐसे प्रशासक देश के दोस्त है या दुश्मन।