Satna Crime : नाबालिग का अपहरण कर 62 हजार में बेचा, शादी रचा कर किया शोषण, चार गिरफ्तार
Satna Crime : राजू मेवाड़ा से पूछताछ में पता चला है कि वह इसके अलावा भी कई नाबालिग लड़कियों को शादी कराने के नाम पर इस क्षेत्र से ले गया है।
Satna Crime : सतना(नईदुनिया प्रतिनिधि )। नाबालिग का अपहरण कर उसे भोपाल ले जा कर बेचकर कम उम्र में शादी करा दी। शारीरिक शोषण का शिकार बनाने के मामले का सतना पुलिस ने खुलासा किया है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने साढ़े 3 महीने बाद नाबालिग को मुक्त कराते हुए महिलाओं समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दो महिलाओं समेत 4 को गिरफ्तार किया गया है
पुलिस के मुताबिक रामनगर थाना क्षेत्र से 15 जून 2023 को लापता हुई एक 15 वर्षीय लड़की को सतना पुलिस ने भोपाल में दबिश देकर मुक्त कराया है। पीड़िता के बयान के बाद इस मामले में दो महिलाओं समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों में राजू मेवाड़ा पिता मनोहर सिंह मेवाड़ा उम्र 29 वर्ष ,मीता रावत पति राजू मेवाड़ा उम्र 28 वर्ष दोनों निवासी खजुरी सड़क फंदा कला थाना खजुरी सड़क जिला भोपाल, सुनील गौर पिता रामरतन पटेल उम्र 22 वर्ष निवासी कचनारिया थाना श्यामपुर जिला सीहोर एवं भूरीबाई कोल पति शिवदास कोल उम्र 28 वर्ष निवासी ग्राम झिरिया थाना रामनगर जिला सतना शामिल हैं। इनके कब्जे से एक सेन्ट्रो कार भी जब्त की गई है। आरोपितों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
घटना पर एक नज़र
रामनगर टीआइ संतोष तिवारी ने बताया कि गत 15 जून की शाम राजू मेवाड़ा ने नाबालिग को अगवा कर लिया था। वह उसे लेकर अपनी साली भूरी कोल के घर ग्राम झिरिया पहुंचा, जहां बालिका को दो दिन तक रखा गया। उसके बाद राजू उसकी पत्नी मीता और साली भूरी बालिका को ऑटो से मैहर ले गए। वहां सुनील गौर भी था। राजू ने अपनी साली और पत्नी को 20 हजार देकर बालिका को सुनील गौर के साथ भोपाल ले जाने के लिए कहा। महिलाएं नाबालिग को लेकर भोपाल पहुंचीं जहां सुनील ने राजू को 40 हजार और दिए। भोपाल में सुनील ने नाबालिग के साथ जबरन शादी की और फिर उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया।
इस तरह हुआ रुपये का बंटवारा
जांच और बयान के आधार पर टीआइ ने बताया कि इस मामले में कुल 62 हजार का लेनदेन किया गया। इसमें से 22 हजार रुपये मीता और भूरी को मिले, जिनमें से 2 हजार रुपये उन्होंने मैहर जाने के लिए ऑटो का भाड़ा दे दिया जबकि 10- 10 हजार आपस में बांट लिए। इसके अलावा 40 हजार सुनील ने राजू को दिए। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में जुर्म कबूल किया है। राजू मेवाड़ा से पूछताछ में पता चला है कि वह इसके अलावा भी कई नाबालिग लड़कियों को शादी कराने के नाम पर इस क्षेत्र से ले गया है जिनमें से कुछ उसने राजस्थान में भी बेची हैं।पुलिस अभी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शादी कराने के नाम पर नाबालिगों को अगवा कर बेचने वाले इस गिरोह का नेटवर्क कहां तक फैला है और कौन – कौन इसका शिकार बना है।
इनकी रही सराहनी भूमिका
टीआइ संतोष तिवारी ने बताया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग के इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करने वाली टीम में सब इंस्पेक्टर बीएल रावत, एएसआइ अरविंद सिंह, बलवीर सिंह, कौशिल्या देवी, कमलेश कुमार पनिका, प्रधान आरक्षक राम सिंह, नितीश यादव, आरक्षक हिमांशु, राजेश यादव, नीरज पाण्डेय, संजय यादव, संदीप तिवारी,गुड्डू कुमार एवं प्रधान आरक्षक ड्राइवर अनीस मोहम्मद शामिल रहे।
बच्ची को अपहरण कर बेचने का मामला प्रकाश में आया है। उक्त खुलासा तब हुआ जब गुमशुदगी के मामले की रामनगर पुलिस मामले की विवेचना कर रही थी हालांकि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।विक्रम सिंह अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देहात सतना।