
केन्द्रीय जेल में विश्व नशा निवारण दिवस आयोजित किया गया
रीवा: केन्द्रीय जेल रीवा में आज विश्व नशा निवारण दिवस के अवसर पर न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अहमद रजा ने कहा कि 80 प्रतिशत युवा नशे की गिरफ्त में है जो बेरोजगारी, नशे की आदत एवं गलत संगत में रहने के कारण सजा भुगत रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नशे की सामग्री गांजा, अफीम, चरस एवं गोली बेंचना एवं खरीदना अपराध है। ये युवा अपराध घटित करने के कारण जेल में सजा भुगत रहे हैं। नशे से बचने एवं अपने जीवन को नये अवसर प्रदान करने के लिए आप जेल में रहते हुए अच्छे विचार एवं सत्संग और ध्यान करें। अच्छा सोचे और अच्छा कार्य करें। सुबह का भूला व्यक्ति यदि शाम को घर आ जाये तो उसे समाज और परिवार भी स्वीकार कर लेता है। कोशिश करके नकारात्मक विचार अपने मन में नहीं लाये। हमेशा सकारात्मक विचार ही आने दें। न्यायाधीश अहमद रजा ने जेल में परिरूद्ध बंदियों को विधिक सहायता की जानकारी दी।
जेल अधीक्षक सतीश उपाध्याय ने बंदियों को जेल से छूटने के उपरांत गुटखा, कोरेक्स, गांजा, चरस, अफीम जैसे नशीली सामग्री का प्रयोग अपने जीवन में नहीं करने की प्रेरणा दी एवं कार्यक्रम में बंदियों को संकल्प दिलाया कि आज के बाद कोई भी नशा नहीं करेगे। बंदियों को जेल में नशा से दूर रखते हुए उनके उपचार एवं अच्छी शिक्षा मनोरंजन, खेल-कूद में व्यस्त रख उनमें बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विधिक सहायता अधिकारी अभय मिश्रा, जेल अधीक्षक संजीव गेंदले, राघवेश अग्निहोत्री, सहायक अधीक्षक एसएस कुशवाह, एपी पटेल, सहायक ग्रेड-3 उपेन्द्र द्विवेदी एवं प्रहरी उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन संगीत शिक्षक राजेश शुक्ला ने किया।