Rewa: अपर मुख्य सचिव कृषि ने की रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि विकास प्लान की समीक्षा

  • खेती के विभिन्न आयामों का मंथन कर जिला कृषि विकास प्लान बनाएं: वर्णवाल
  • किसानों को उपयुक्त बीजों और नवीन कृषि तकनीक की जानकारी दें: वर्णवाल

अपर मुख्य सचिव कृषि ने की रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि विकास प्लान की समीक्षा

रीवा :कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल ने अधिकारियों को जिला कृषि विकास प्लान के संबंध में निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के पास जाकर खेती के विकास से जुड़े विभिन्न आयामों की जानकारी दें। किसानों को फसलों के आधुनिकतम तथा उपयुक्त बीजों एवं नई कृषि तकनीक की जानकारी दें।

कृषि विकास का प्लान बनाते समय गत वर्ष फसलों के उत्पादन को ध्यान में रखते हुए आगामी वर्ष की कार्ययोजना तैयार करें। यदि किसी फसल के क्षेत्र में 20 हजार हेक्टेयर की वृद्धि प्रस्तावित की गई है तो उसके लिए चिन्हित किए गए गांव किसान की सूची बनाएं। चयनित क्षेत्र में बोनी के लिए आवश्यक बीजों का प्रबंध करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि किसी एक फसल के स्थान पर किसान दूसरी फसल तभी लेगा जब उसे अधिक लाभ होगा। किसान को अधिक लाभ कैसे मिलेगा इसका उसे पूरा गणित समझाएं। 

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिलों में खेती में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। इसमें मुख्य रोल किसान ही अदा कर रहे हैं। किसानों को नरबाई की समस्या से निपटने के लिए सुपर स्प्रेडर से परिचित कराएं। सतना में पिछले साल 50 सुपर स्प्रेडर बिके हैं। सुपर स्प्रेडर से नरबाई वाले खेत में सीधे बुवाई की जा सकती है। इससे खेती की लागत और समय दोनों में कमी आती है। रीवा और शहडोल संभाग में स्प्रिंकलर का उपयोग कम है। इसे बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास करें।

कृषि अभियांत्रिकी के सहयोग से उप संचालक कृषि आधुनिक कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी लगाएं। बड़े सभा-समारोहों में भी कृषि उपकरण तथा उनके वीडियो प्रदर्शित कराएं। पैडी ट्रांसप्लांटर की मांग तेजी से बढ़ी है। इसका भी गांवों में प्रदर्शन कराएं। मजदूरों के माध्यम से धान की रोपाई में किसानों को कठिनाई होती है। मजदूरों की कमी तथा अधिक समय लगने के कारण किसान पैडी ट्रांसप्लांटर का अवश्य उपयोग करेंगे। 

अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बीज उत्पादक समितियों को सक्रिय करें। इन्हें आधुनिक बीज उपलब्ध कराएं। अधिक से अधिक किसानों को इनका सदस्य बनाकर अच्छे बीजों की उपलब्धता बढ़ाएं। कृषि विविधीकरण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। धान में यदि किसान को अधिक आय मिल रही है तो वह अन्य फसल नहीं लेगा। किसानों को सुगंधित धान, चार माह में तैयार होने वाली अरहर तथा मूंग की खेती के लिए प्रेरित करें।

रीवा और शहडोल संभाग में सोयाबीन के उत्पादन की अच्छी संभावना है। सोयाबीन की दो नई किस्मों में पीला मोजेक रोग का प्रकोप नहीं होता है। इसके बीज किसानों को उपलब्ध कराएं। वर्तमान में सोयाबीन के अच्छे दाम मिल रहे हैं। सरसों, अलसी, कोदौ, मक्का, तिल तथा रागी की खेती के लिए भी किसानों को प्रेरित करें। 

बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि रीवा और शहडोल संभाग के सभी जिलों में खरीफ की फसल तथा रबी की फसल के कुल क्षेत्रफल में अंतर है। जिन क्षेत्रों में रबी की फसल हो सकती है वह क्षेत्र खरीफ में खाली क्यों रहते हैं। उप संचालक इसके कारणों का पता लगाएं। किसानों को शेष क्षेत्रों में खेती के लिए सही फसल का सुझाव दें। फसलों की उत्पादकता के संबंध में हर वर्ष आंकड़े दिए जाते हैं। इनकी उत्पादकता का सत्यापन उपार्जन तथा मण्डी में अनाज की खरीद के आधार पर होगा। मण्डी के आंकड़े उत्पादकता के अनुरूप होने चाहिए।

सिंगरौली जिले में कोदौ और अरहर के उत्पादन पर विशेष ध्यान दें। नैनो यूरिया का उपयोग अब बहुत कम हो रहा है। इसके उपयोग के वास्तविक आंकड़े प्रस्तुत करें। गेंहू और धान दोनों में नैनो यूरिया का उपयोग सुनिश्चित करें। साथ ही इसके उपयोग के साथ यूरिया के उपयोग कमी भी आनी चाहिए।

मिट्टी के नमूने लेकर उसके परीक्षण का अभियान चलाएं। मिट्टी परीक्षण के बाद स्वाइल हेल्थकार्ड में किसानों को खाद की उपयुक्त मात्रा बताएं। इसी के अनुरूप फसलों में खाद का उपयोग सुनिश्चित करें। इसके लिए प्रत्येक आरएईओ को लक्ष्य दें। शिक्षित और समझदार युवाओं को विभागीय योजनाओं तथा बैंकों के माध्यम से आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इन्हें कस्टम हायरिंग सेंटर से जोड़ें। इससे युवाओं को रोजगार का अवसर मिलने के साथ-साथ किसानों को नई तकनीक मिलेगी। इससे खेती की लागत घटेगी और किसान का लाभ बढ़ेगा।

बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव संभागीय मोटे आनाज से तैयार किये जा रहे विभिन्न उत्पादों का अवलोकन किया। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी उनके जिले में ली जाने वाली सभी फसलों के बड़े अनुसंधान केन्द्रों का दौरा करें। यहाँ से नए बीजों और नई तकनीक की जानकारी प्राप्त कर किसानों को उपलब्ध कराएं। आफिस में बैठकर कृषि विभाग के अधिकारियों का काम नहीं चलेगा। बैठक में संचालक कृषि एसके सेलवेन्द्रन ने जैविक खेती, जल प्रबंधन, फसल प्रबंधन तथा विभिन्न  फसलों के आधुनिक बीजों की जानकारी दी। बैठक में संचालक कृषि अभियांत्रिकी राजीव कुमार ने रीवा संभाग में कृषि अभियांत्रिकी के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि हर जिले का कृषि विकास प्लान ठीक से तैयार कर उसे प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा। बैठक में संयुक्त संचालक कृषि केएस नेताम, सभी उप संचालक कृषि, सहायक संचालक, कृषि वैज्ञानिक तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *