जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान द्वारा नहीं दी गई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी
पीड़ित ब्यक्ति कलेक्टर से शिकायत करने के बाद कोर्ट में करेगा दावा
रीवा-गुढ़ : भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी ब्यक्ति सूचना के अधिकार के तहत किसी संस्था/विभाग या कर्मचारी की जानकारी मांग सकता है किंतु अब यह महज मजाक बन कर रह गया है क्योंकि सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी का आवेदन देने के पश्चात 08 माह बीत जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गई।
उपरोक्त पूरा मामला रीवा जिले के जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान का है जहां पर ग्राम पंचायत उमरिहा निवासी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने विगत 27/12/2022 को जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में विधिवत आवेदन पत्र देकर सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत उमरिहा के संबंध में जानकारी मांगा था किंतु आवेदन पत्र देने के बाद भी आज दिनांक तक आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। आवेदक धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मैंने सूचना के अधिकार के तहत ग्राम पंचायत उमरिहा के कुछ निर्माण कार्यों की जानकारी हेतु जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान में विधिवत आवेदन पत्र दिया था किंतु आज दिनांक तक मुझे चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। आवेदक ने कहा कि जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान सीईओ द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी न देना ही स्पष्ट करता है कि समस्त ग्राम पंचायतों में ब्याप्त भ्रष्टाचार जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान सीईओ की मिली-भगत से ही हो रहा है। आवेदक ने कहा कि मैं इस मामले को लेकर माननीय कलेक्टर महोदया रीवा से शिकायत करूंगा इसके बाद कोर्ट में दावा भी पेश करूंगा जिसकी समस्त जबावदारी जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान सीईओ की होगी।आवेदक धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि आखिर वजह क्या है कि आवेदन पत्र देने बावजूद भी मेरे द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई गई ?
आवेदक धीरेन्द्र प्रताप सिंह के बताए अनुसार यहां पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आवेदक को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई ? कहीं ऐसा तो नहीं है कि जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के अधिकारियों की मिली-भगत से ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार हो रहा है ? फिलहाल मामला जो कुछ भी लेकिन आवेदक को सूचना के अधिकार के तहत जानकारी उपलब्ध न कराना कई सवालों को जन्म देता है साथ ही जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान सीईओ की कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आती है।