विज्ञान भी मानव जीवन और प्रकृति पर चन्द्र के प्रभाव को स्वीकारते हैं. इसलिए अगर आप किसी मानसिक परेशानी या तनाव से गुजर रहें है या फिर कमजोर याददाश्त से परेशानी उठा रहें हैं या लगातार सपनों से परेशान हैं, तो मन को शांत और एकाग्र करने के लिए यहां बताई जा रही चन्द्र पूजा की सरल विधि के इस करिश्माई चन्द्र गायत्री मंत्र का उपाय करें.
चन्द्रदेव की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं. स्नान के बाद चंद्र पूजा में विशेष तौर पर सफेद सामग्रियों को अर्पित करें.
इनमें सफेद चंदन, सफेद सुंगधित फूल, अक्षत, सफेद वस्त्र, दूर्वा चढ़ाकर दही या दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाएं. पूजा के बाद व रात्रि में इस चन्द्र गायत्री मंत्र का स्मरण करें.
ऊँ क्षीरपुत्राय विद्महे,
अमृत तत्वाय धीमहि।
तन्नो चन्द्र प्रचोदयात्।।
पूजा व मंत्र जप के बाद घी व कपूर से आरती कर मानसिक सुख की कामना कर प्रसाद ग्रहण करें. रात्रि में चंद्र मंत्र का यथाशक्ति जप मन को शांत, एकाग्र और स्थिर करने के साथ स्वास्थ्य और सुख भी देने वाला माना गया है.
चंद्र गायत्री मंत्र के जाप के लाभ
- चंद्र गायत्री मंत्र जप करने से लोगों में भय कम होता है और विपरीत परिस्थितियों से मजबूती से निपटते हैं।
- वे सभी कार्यों में सफल होते हैं, प्रगति प्राप्त होती। साथ ही मन शांति होता है।
- चंद्र देव के आशीर्वाद से शांतिपूर्ण मन और निरोग काया प्राप्त होती है।
- अपनी भावनाओं को समझने में मदद मिलती है। संवदेनशीलता बढ़ती है।
- मंत्र जाप से मानसिक परेशानियां कम होती हैं, मन को राहत मिलती है।
- इस मंत्र जाप से चर्म रोग है से छुटकारा मिलता है।