G20 सम्मेलन को भुनाने की तैयारी में भाजपा, आम लोगों को सीधे जोड़ने की योजना
जपा की चुनावी मुहिम में जी 20 जैसा बड़ा आयोजन भी शामिल होने जा रहा है। पार्टी इस गौरवपूर्ण आयोजन के लिए देशव्यापी तैयारी कर रही है। वह इस आयोजन के सीधे प्रसारण के लिए देश में कई जगह बड़ी स्क्रीन लगाने जा रही है।
साथ ही सोशल मीडिया पर भी उसके कार्यकर्ता खासे सक्रिय रहेंगे। पार्टी देश को बताएगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश किस तरह से दुनिया की बड़ी ताकतों का नेतृत्व कर रहा है।
भाजपा ने जी 20 के आयोजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सफलता को हर घर तक पहुंचाने की व्यापक योजना तैयार की है। चूंकि इस समय पांच राज्यों का चुनाव प्रचार भी जोर पकड़ रहा है। इसलिए इसका चुनावी लाभ भी भाजपा को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं से लेकर बूथ स्तर कर के कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी कर कहा है कि प्रदेश से जिला मुख्यालयों तक और बड़े कस्बों व गांवों तक लोगों के बीच इसके सीधे प्रसारण को बड़ी स्क्रीन पर दिखाएं। ऐसे कार्यक्रम इंडोर व आउटडोर दोनों तरह से किए जाएं जिनमें सैकड़ों लोगों के बैठने की व्यवस्था हो।
सोशल मीडिया पर भी दिखेगी सक्रियता
भाजपा लोगों को बताएगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत का नेतृत्व कितना प्रभावी हुआ है। इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर भी खासे सक्रिय रहेंगे। फेसबुक, एक्स (ट्विटर), यू ट्यूब, इंस्टाग्राम व वाट्सएप समूहों में प्रधानमंत्री के भाषण के लिंक शेयर किए जाएंगे और बाद में उनको शेयर भी किया जाएगा। इस दौरान आयोजन से जुड़े फोटो, जिनमें द्विपक्षीय मुलाकातें और विदेशी नेताओं के फोटो व कार्यक्रम को भी लोगों तक पहुंचाया जाएगा। इस आयोजन की सफलता का श्रेय भी भाजपा अपने चुनाव अभियान में करेगी।
गौरतलब है कि 40 साल बाद देश में कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन होने जा रहा है। शीत युद्ध के समय निर्गट आंदोलन में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। तब निर्गुट देशों का सातवां सम्मेलन नई दिल्ली में सात से 12 मार्च 1983 को हुआ था।
जी-20 में सांस्कृतिक धरोहरों की तस्करी रोकने पर हो सकती है चर्चा
जी-20 शिखर सम्मेलन में सांस्कृतिक संपत्ति की तस्करी रोकने पर चर्चा होने की संभावना है। इसको रोकने के लिए जी-20 के सदस्य देश आपसी सहयोग बढाने पर बातचीत करेंगे। तस्करी रोकने के उपायों, डाटाबेस बनाने और बेहतर तालमेल, अंतरराष्ट्रीय जांच व अभियोजन के लिए इंटरपोल की मदद लेने पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा होनी की उम्मीद है।
कई दौर की बैठक के बाद जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए तैयार किए गए काशी संस्कृति मार्ग (कल्चर पाथवे) में सांस्कृतिक संपत्ति की अवैध तस्करी पर विस्तार से चर्चा की गई है। जी-20 देशों के सांस्कृतिक मंत्रियों की मंजूरी के बाद बनाए गए इस दस्तावेज में अवैध तस्करी से निपटने के उपायों पर भी प्रकाश डाला गया है। उम्मीद जताई गई है कि इससे तस्करी रोकने में मदद मिलेगी।
अमेरिका ने लौटाईं प्रचीन चीजें
इस दिशा में अमेरिका पहले ही पहल कर चुका है। अमेरिकी सरकार ने भारत को सौ से ज्यादा प्रचीन चीजें और मूर्तियां लौटाने का फैसला किया है, जो कभी तस्करी के जरिए लाई गई थीं। जून में अमेरिकी दौरे के दौरान वॉशिंगटन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उल्लेख किया था। इसके साथ कई अन्य देशों से भी मूर्तियां वापस लाई गई हैं।