न्यायालय का फैसला:हत्या की कोशिश करने वालों को 10 साल की कैद, हंसिया मार कर काट दी थी गर्दन
घर छोड़ने के बहाने जान लेने की कोशिश करने वाले दो आरोपियों को सतना के नागौद की अदालत ने 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया है और उनसे वसूली गई राशि पीड़ित को देने का आदेश दिया है।
नागौद के अपर सत्र न्यायाधीश आनंद प्रिय राहुल ने दो आरोपियों पंकज उर्फ दीपक कहार पिता राजाराम और छोटू उर्फ विकास रैकवार पिता बिहारी रैकवार निवासी अहरी टोला सिविल लाइन सतना को आईपीसी की धारा 307 एवं 34 के तहत दोषी करार दिया है।
अदालत ने दोनों अभियुक्तों को 10- 10 साल के कारावास और 10-10 हजार के जुर्माने की सजा से दंडित किया है। वसूली गई जुर्माना राशि मे से 10 हजार रुपए पीड़ित लोकेंद्र शिवहरे को दिए जाने का आदेश भी अदालत ने दिया है। प्रकरण में अभियोजन की तरफ से एजीपी बीके त्रिपाठी ने पैरवी की।
अभियोजन के अनुसार लोकेंद्र शिवहरे शादी- समारोह में खाना बनाने का काम करता था। विगत 5 मार्च 2017 को वह नागौद खाना बनाने गया था। अगले दिन जब उसे वापस सतना आना था तब आरोपी पंकज और छोटू उसके पास पहुंचे और उसे अपने साथ बाइक पर बैठा कर सतना रवाना हो गए। रास्ते मे पुल के पास उन्होंने गाड़ी रोक दी और लोकेंद्र के साथ मारपीट करने लगे।
उन्होंने उस पर हंसिया और चाकू से हमला कर दिया। जान बचाने के लिए लोकेंद्र लगभग 1 किमी तक भागा लेकिन इसी बीच आरोपियों ने उसकी गर्दन हंसिया से काट दी। गंभीर हालत में उसे जबलपुर इलाज के लिए ले जाया गया। वह बोल पाने की स्थिति में नही था लिहाजा उसने कागज पर लिख कर अपने चाचा को घटना की जानकारी दी।
चाचा ने नागौद पुलिस को वह कागज दिखाते हुए जानकारी दी और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर प्रकरण अदालत में पेश किया।