बड़ी खबर> रीवा: शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर भवन का घेराव करने जा रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन का भी किया उपयोग, प्रदेश अध्यक्ष चौकसे ने कहा शिवराज सरकार जा रही, कमलनाथ सरकार आ रही
- NSUI ने कहा कि घटना स्थल पर कार्यकर्ताओं को रोकने, खदेड़ने के लिए पुलिस प्रशासन ने बल का उपयोग किया है।
- रीवा पुलिस ने लाठीचार्ज से किया इंकार
(बड़ी खबर) रीवा: एनएसयूआई ने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्वामी विवेकानंद पार्क में एकत्र होकर रैली निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंची जहां विरोध प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं पर अश्रु गैस के जहां गोले छोड़े गए, तो वहीं पानी की बौछार की गई है।
आपको बता दे की विभिन्न मांगों को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी थी जिसके तहत आज कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे।
मीडिया से रूबरू होकर एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि एनएसयूआई संगठन शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्ट्रेट भवन की तरफ कूच कर रहा था कि तभी सीएम शिवराज सिंह की बर्बर पुलिस जो कि उनके इशारे पर काम करती है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन को कुचलने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया। परिणाम स्वरूप छात्र सड़क पर घायल होकर गिर पड़े, कई छात्रों को चोट लगी है। आगे चौकसे ने कहा कि हम तो शांतिपूर्ण तरीके से शिवराज सरकार की नई शिक्षा नीति में सुधार, पटवारी भर्ती घोटाले के जांच की मांग ,ओबीसी एससी एसटी को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है जैसे मुद्दों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से कलेक्ट्रेट भवन में अपनी बात रखने के लिए जा रहे थे। परंतु सीएम शिवराज सिंह की बर्बर पुलिस ने प्रदर्शन को कुचलने के लिए असंवैधानिक तरीके अपनाए। एनएसयूआई संगठन और कांग्रेस इन बर्बर तरीकों से डरने वाली नहीं है और छात्र लामबंद हो गए है और यही छात्र 2023 में शिवराज सिंह सरकार को गिराने और कमलनाथ की सरकार बनाने का काम करेंगे क्योंकि जब-जब छात्र मुखर हुआ है सिंहासन डोल पड़े हैं। हम इस आंदोलन को रीवा से लेकर प्रदेश तक जाएंगे और सीएम शिवराज का पुतला दहन और शिवराज सरकार के कुरीतियों और कारनामों की पोल खोलेंगे।
तो वही मीडिया से बात करते हुए एडिशनल एसपी सोनकर ने लाठी चार्ज से साफ इनकार करते हुए कहा कि NSUI संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट का घेराव करने उग्रतापूर्वक प्रदर्शन करते हुए जा रहे थे, किसी अनहोनी की आशंका को रोकने के लिए सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी के नेतृत्व में पुलिस ने उग्र छात्रों को रोकने और समझाइश देने के लिए प्रयास किया है ना की कोई लाठी चार्ज किया है। लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने की जिम्मेवारी पुलिस की है और पुलिस ने वही किया है।