कृषि क्षेत्र में ‘नैनो क्रांति’! किसानों के आएंगे अच्छे दिन, 50 किलो के बोरे में नहीं छोटी-सी बोतल में आएगा यूरिया

कृषि क्षेत्र में ‘नैनो क्रांति’! किसानों के आएंगे अच्छे दिन, 50 किलो के बोरे में नहीं छोटी-सी बोतल में आएगा यूरिया

नैनो यूरिया और डीएपी के उपलब्ध होने से किसानों को बड़ा फायदा होगा. क्योंकि अभी तक डीएपी बोरी में मिलती रही है

नैनो डीएपी के लॉन्च होने से किसानों को बड़ा फायदा होगा. पारंपरिक यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया की दक्षता 85-90% तक हो सकती है. ठोस यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया कम कीमत पर मिलता है.

देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों को बेहतर सुविधा देने के मकसद से केंद्र सरकार ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी (Nano Urea & DAP) को मंजूरी दे चुकी है. इसके साथ ही अब किसानों को यूरिया की बोरी को लादकर शहर से गांव और खेतों में जाने के दिन लद जाएंगे. क्योंकि एक छोटी-सी बोतल में 50 किलो के बोरे के बराबर यूरिया तरल रूप में उपलब्ध होगा.

केंद्र सरकार नैनो यूरिया के बाद नैनो डीएपी को भी मंजूरी दे चुका है. केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे उर्वरक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में उठाया गया कदम बताया और कहा कि इससे किसानों को फायदा होगा. आइये जानते हैं आखिर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी क्या हैं और इनसे किसानों का क्या फायदा होगा?

नैनो डीएपी लॉन्च होने से किसानों को क्या फायदा
नैनो डीएपी के लॉन्च होने से किसानों को बड़ा फायदा होगा. क्योंकि अभी तक डीएपी बोरी में मिलती रही है, जिसकी ढुलाई में किसानों को बहुत समस्या आती है. लेकिन अब नैनो डीएपी आने से सिर्फ एक बोतल में उतनी ही क्षमता की मात्रा लाई जा सकेगी. इसकी कीमतों में भी कमी आने की उम्मीद है.

नैनो यूरिया ठोस यूरिया का ही तरल रूप में आता है. इसकी 500 मिलीलीटर की बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करता है. ठोस यूरिया की तुलना में नैनो यूरिया कम कीमत पर मिलता है और इसका परिवहन व भंडारण कम खर्च हो जाता है.

यह किसानों का पॉकेट फ्रेंडली और आय बढ़ाने में मददगार साबित होगा. इससे लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग की लागत में भी काफी कमी आएगी. पारंपरिक यूरिया की दक्षता लगभग 25% है, तरल नैनो यूरिया की दक्षता 85-90% तक हो सकती है.

क्यो होगी एक बोतल की कीमत ?
इफको के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी ने एक ट्वीट में कहा था कि इफको नैनो डीएपी को कृषि मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है और इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए इसे उर्वरक नियंत्रण आदेश (FCO) में अधिसूचित किया गया है. अवस्थी ने कहा था कि इफको नैनो डीएपी का विनिर्माण करेगी जो भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने वाला होगा.

अवस्थी ने गत दिसंबर में कहा था कि इफको नैनो डीएपी की आधा लीटर की बोतल को 600 रुपये की दर पर उतारेगा. नैनो डीएपी की यह बोतल डीएपी की एक बोरी उर्वरक के बराबर असरदार होगी जिसकी मौजूदा कीमत 1,350 रुपये है. इफको ने परंपरागत यूरिया के विकल्प के तौर पर जून 2021 में नैनो यूरिया को भी बाजार में उतारा था.

नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए इफको ने उत्तर प्रदेश और गुजरात में संयंत्र लगाए हैं. हालांकि नैनो यूरिया पर सरकार की तरफ से किसानों को कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है. इसकी कीमत 240 रुपये प्रति बोतल है. 

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