शहर में खुले में लावारिश शव ढोने का कार्य लगातार जारी संबंधित अधिकारी मौन क्यों ?
गया-मानवीय संवेदना मरती जा रही है । लावारिस शव को खुले ठेले पर ले जाने के क्रम दुर्गंधीत होता जा रहा है I
गयाजी शहर , जिससे एक तरफ बीमारी फैलने की भी आशंका जताई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर मानवीयता का क्रूर चेहरा सामने दिख रहा है। जबकि मगध मेडिकल कॉलेज एवं सह अस्पताल में शव वाहन पड़ा हुआ है , लेकिन इसके बावजूद भी ठेला पर खुले में शव को दाह संस्कार के लिए भेजना सरासर गलत है। जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है ! वही मृत आत्मा से खिलवाड़ किया जा रहा है । इसकी जानकारी के लिए जब सम्बंधित अधिकारी से बात करना चाहा तो पत्रकार का कॉल भी नही रिसीव किया । जिससे यह साबित होता है कि इस तरह की लापारवाही जान बूझ कर की जा रही है। शव लेकर ठेला चलाने वाला व्यक्ति शराब के नशे में धुत्त था। जबकि गरीब आदमी अपने पेट भरने के लिए इस तरह कार्य करने लिए मजबूर हैं ।