मिर्जापुर के ‘पंचमुखी महादेव’ मंदिर में पूरी होती है हर मनोकामना,जानें मान्यता

हिंदू धर्म के आराध्य देव शिवशंकर को चमत्कारों का स्वामी माना गया है. भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दुनिया भर के भक्त विशेष अनुष्ठान करते हैं और प्रार्थना करते हैं. इतना ही नहीं भगवान शिव के मंदिर में जाकर पूजा पाठ भी करते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं पंचमुखी महादेव मंदिर के बारे में, जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद में स्थित है.

मिर्जापुर वैसे तो मां विंध्यवासिनी धाम के लिए जाना जाता है. ग्रंथों में मां विंध्यवासिनी धाम का जिक्र आता है. लेकिन विंध्य नगरी मिर्जापुर से भगवान शिव का भी गहरा नाता है. बता दें कि देश के कुछ ही स्थानों पर पंचमुखी महादेव विराजमान हैं. उनमें से एक मिर्जापुर जनपद में भी है. ये पंचमुखी महादेव मंदिर विंध्याचल मंदिर से 8 किलोमीटर दूर बरिया घाट पर स्थित है.

ऐसा है इतिहास
पंचमुखी महादेव मंदिर के पुजारी विपिन बताते हैं कि ये 550 वर्ष से ज्यादा प्राचीन मंदिर है. ये नेपाल के काठमांडू के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ का विग्रह है. पुजारी का दावा है कि नेपाली बाबा को भगवान शिव ने स्वप्न दिया कि मुझे विंध्य क्षेत्र में गंगा के किनारे दूसरे विग्रह में स्थापित करो. राजा ने अपने मंत्रियों को भेजा यहां जगह देखने के लिए. उसके बाद बरिया घाट पर पंचमुखी महादेव का मंदिर स्थापित हुआ है.

ऐसी है पंचमुखी महादेव की मान्यता
मान्यता को लेकर पुजारी विपिन का दावा है कि जो भक्त द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर सकते हैं, यदि वो पंचमुखी महादेव को जल चढ़ाता है या दर्शन करता है तो उसको एक साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग का पुण्य फल प्राप्त होता है. पुजारी ने बताया कि यहां हजारों की संख्या में भक्त अपनी मुरादे लेकर मत्था टेकने आते हैं. मुरादे पूरी होने के बाद भक्ति यहां दरबार में रुद्राभिषेक करवाते हैं.

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