सोमवती अमावस्या आज 20 फरवरी को है,करें 5 ‘महादान’, नाराज पितर भी हो जाएंगे खुश, पूरे साल होगी आपकी तरक्की

20 फरवरी को सोमवती अमावस्या पर दान से पितरों को प्रसन्न करें

इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप मिट जाते हैं
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त दान करते हैं तो नाराज पितर भी प्रसन्न हो जाते हैं

सोमवती अमावस्या आज 20 फरवरी 2023 को है. इस दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में शुभ तिथियों पर स्नान और दान का बड़ा महत्व है. सोमवती अमावस्या के दिन आप पितरों के निमित्त दान करते हैं तो नाराज पितर भी प्रसन्न हो जाते हैं और वे अपने वंश की तरक्की का आशीर्वाद देते हैं. 

सोमवती अमावस्या 2023 पितरों के लिए दान की वस्तुएं
1. वस्त्र का दान
जिस प्रकार से मनुष्यों को मौसम के अनुसार कपड़ों की जरूरत होती है ताकि वे सर्दी और गर्मी से बच सकें. उसी तरह पितरों को भी होती है. इसके बारे में गरूड़ पुराण में बताया गया है. इस वजह से आप सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों के लिए वस्त्रों का दान करें. शास्त्रों के अनुसार धोती और गमछा दान करना चाहिए.

2. चांदी की वस्तुएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पितर लोक का स्थान चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में होता है, इस वजह से आप पितरों को चांदी से बनी वस्तुओं का दान कर सकते हैं. इससे वे प्रसन्न होते हैं. सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

3. दूध और चावल का दान
पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे दूध और चावल का भी दान कर सकते हैं. इस दान से नाराज पितर भी खुश होते हैं. उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. वंश की वृद्धि होती है.

4. काले तिल का दान
आमवस्या के दिन स्नान के बाद आप अपने पितरों को ध्यान करके काले तिल का दान कर दें. अन्य वस्तुएं जो भी दान करें, उस दौरान हाथ में तिल लेकर दान करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे वस्तुएं पितरों को प्राप्त होती हैं. वे अपने वंश से प्रसन्न रहते हैं.

5. भूमि दान
यदि आप क्षमतावान और संपन्न हैं तो पितरों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या या पितृ पक्ष में भूमि का दान कर सकते हैं. भूमि दान को महादान माना जाता है. बड़े पापों का प्रायश्चित करने के लिए भूमि दान किया जाता है.

सोमवती अमावस्या 2023 की सही तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल फाल्गुन अमावस्या को ही सोमवती अमावस्या है. ऐसे में फाल्गुन अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 19 फरवरी रविवार को 04:18 पीएम पर होगा और इस तिथि का समापन 20 फरवरी सोमवार को दोपहर 12:35 बजे होगा.

पिंडदान
जिन लोगों ने अपने पितरों का पिंडदान नहीं किया है, वे लोग सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान करके पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं. हिंदू धर्म में पिंडदान का बड़ा महत्व है.

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