होलिका दहन के लिए सिर्फ 12 मिनट का ही समय है.
होली को लेकर बाजारें सजने लगी हैं. फाल्गुन मास का असर दिखने लगा है. प्रमुख बाजारों में पिचकारी के साथ ही अबीर-गुलाल की बिक्री भी शुरू हो गई है. आने वाले समय में खरीदारी ते होने की संभावना है. इन सबके बीच होली की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है. पंडित-पुरोहितों ने इसे दूर किया है. होलिका दहन की तिथि और शुभ मुहूर्त का भी खुलासा हो गया. होली को लेकर भी स्थिति स्पष्ट हो चुकी है.
इस साल होलिका दहन के लिए सिर्फ 12 मिनट का शुभ मुहूर्त है. होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 6 मार्च 2023 को शाम 6:26 बजे से लेकर 6:38 बजे तक है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि प्रदोष व्यापिनी भद्रा रहित पूर्णिमा में होलिका दहन होता है. पूर्णिमा सोमवार शाम 4.18 से शुरू होकर मंगलवार शाम 6.10 बजे तक रहने से प्रदोष व्यापिनी फाल्गुनी पूर्णिमा सोमवार को संपूर्ण भारत में विद्यमान रहेगी. जबकि पूर्वी भारत के कुछ राज्यों में पूर्णिमा 2 दिन प्रदोष व्यापिनी रहेगी. सोमवार को ही शाम 4.18 बजे से भद्रा शुरू होने से जो अगले दिन सूर्योदय पूर्व सुबह 5.14 बजे तक रहेगी. शास्त्रानुसार भद्रा मध्यरात्रि से आगे उषाकाल के नजदीक चल जाए तो होलिका पर्व भद्रा में प्रदोष काल में मनाया जाना चाहिए. राजस्थान में धुलंडी का पर्व 7 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा. सिटी प्लेस में होलिका दहन 6 मार्च हो है. गोविंददेव जी मंदिर में ठाकुर जी के समक्ष भक्त 6 मार्च को गुलाल होली खेलेंगे .
गोकाष्ठ को दी जाएगी तवज्जो
होलिका दहन पर इस बार भी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जाएगा. गोसेवी संगठनों और गोशाला प्रबंधन के अथक प्रयास से इस बार अधिक स्थानों पर होलिका का दहन गोकाष्ठ से किया जाएगा. गोमय परिवार के निदेशक डॉ. सीताराम गुप्ता ने बताया कि जयपुर में 20 से 25 स्थानों पर गोकाष्ठ वितरण केन्द्र बनाए गए हैं. शहर की विकास समितियों की ओर से भी गोकाष्ठ से होलिका दहन की कवायद की जा रही है .