अगर आप एयर टर्बुलेंस से डरते है तो इसे पढ़िए

प्लेन में एयर टर्बुलेंस से डरते हैं आप? घबराहट दूर करने का जान लें 5 सिंपल उपाय, खुल कर यात्रा का ले सकेंगे मज़ा

हवाई यात्रा के दौरान एयर टर्बुलेंस होना एक सामान्‍य सी बात है. लेकिन कुछ लोगों को प्‍लेन के इस तरह हिलने से घबराहट महसूस होती है. अगर आप अपनी हवाई यात्रा को स्‍ट्रेस फ्री बनाना चाहते हैं तो कुछ सिंपल टिप्‍स को फॉलो कर बिंदास यात्रा कर सकते हैं.

आए दिन प्‍लेन क्रैश की खबरें और इनके फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल होती दिख ही जाती हैं. इन वीडियोज़ को देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. खास तौर पर जिन यात्रियों को अक्‍सर एयर ट्रैवल करना पड़ता है, उनके मन में तो घबराहट होना स्‍वाभाविक भी है. खासतौर पर अगर यात्रा के दौरान एयर टर्बुलेंस हो तो कई यात्री घबराहट की वजह से काफी अधिक तनाव या पैनिक में आ जाते हैं. लेकिन आपको बता दें कि एयर टर्बुलेंस हवाई यात्रा का एक हिस्‍सा है जो किसी भी तरह से खतरनाक नहीं होता. लेकिन आप या आपके परिवार का कोई सदस्‍य टर्बुलेंस में पैनिक अनुभव करता है तो हम आपकी मदद कर सकते हैं.

एयर टर्बुलेंस के स्‍ट्रेस को इसे तरह करें दूर

जानें एयर टर्बुलेंस की वजह
एयर टर्बुलेंस कई वजहों से होता है जो किसी भी तरह से खतरनाक नहीं होता. दरअसल, जब हवा के बहाव में बदलाव आता है या जब हम एटमॉस्फेयर में प्रवेश करते हैं तो प्‍लेन के सरफेस पर इसको महसूस किया जा सकता है. इस वजह से प्‍लेन की बाहरी सतह पर घर्षण जैसा अनुभव होता है जो बिलकुल भी सामान्‍य सी प्रकिया है. यह किसी भी तरह से अनहोनी का संकेत नहीं है.

सीट बेल्‍ट लगाना
अगर टर्बुलेंस के दौरान सीट बेल्‍ट बांधने के निर्देश दिया जा रहा है तो इसका मतलब कतई नहीं है कि यह खतरे की घंटी है. बल्कि यह नियम मात्र है जो आपको चाटिल  होने से बचाने के लिए किया जाता है.

ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करें
अगर आप पैनिक अनुभव कर रहे हैं तो डीप ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज आपको शांत रहने और स्‍ट्रेस फ्री रहने में मदद कर सकता है. इसके लिए आप गहरी सांस लें, कुछ देर होल्‍ड करें, फिर पूरा सांस बाहर निकाल दें.ऐसा 8 से 10 बार करें.

ब्रेन को रखें इंगेज
इस दौरान अगर आप वर्ल्‍ड पज़ल, बोर्डगेम या कुछ ब्रेन को इंगेज करने वाली एक्टिविटीज में खुद को व्‍यस्‍त रखेंगे तो आपको डर कम लगेगा.


सही सीट का चुनाव
अगर आप टर्बुलेंस नहीं पसंद करते हैं तो बेहतर होगा कि आप आगे की सीट लें या विंग के ऊपर वाला सीट ही लें. यहां कम टर्बुलेंस अनुभव होता है. 

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