नासा के मिशन मून पर गए अंतरिक्ष यात्रियों ने चांद की सतह पर उतरने के बाद अचानक गोल्फ खेलना शुरू कर दिया .
स्पेस सूट में छिपाकर ले गए थे स्टिक
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्र अभियान के लिए बनाई गई टीम में एलन शेफर्ड, स्टुअर्ट रूसा और एडगर मिशेल को शामिल किया. नासा ने 31 जनवरी 1971 को आठवें मिशन मून को लॉन्च किया. फिर 6 फरवरी 1971 को अपोला-14 के चांद पर उतरने के बाद तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने कुछ ऐसा किया, जिसकी जानकारी नासा को भी नहीं थी. तीनों अंतरिक्ष यात्री जो कर रहे थे, उसे देखकर सभी चौंक गए. दरअसल, तीनों अंतरिक्ष यात्री यान से निकले और चांद की सतह पर गोल्फ खेलने लगे.
एलन शेफर्ड, एडगन मिशेल और स्टुअर्ट रूसा को अंतरिक्ष के रहस्यों के अलावा गोल्फ का भी काफी शौक था. ये तीनों गोल्फ स्टिक और दो बॉल्स को अपने स्पेस सूट में छिपाकर चांद पर ले गए थे. इन तीनों के अलावा नासा में इसकी जानकारी किसी को नहीं थी. तीनों ने चांद की सतह पर उतरने के बाद सबसे पहले गोल्फ ही खेला. उन्होंने दो शॉट मारे, जिनमें एक बॉल चांद की सतह पर काफी दूर जाकर गिरी. इस बॉल का नाम जैवलिन कार्टर रखा गया था. अंतरिक्ष यात्रियों के इस दल ने चांद की सतह पर सबसे ज्यादा चलने का रिकॉर्ड भी बनाया था.
कौन बना चांद पर गोल्फ खेलने वाला पहला इंसान?
एलन ने जब दो बॉल पर शॉट मारा तो वह चांद पर गोल्फ खेलने वाले दुनिया के पहले इंसान बन गए. धरती पर लौटने के बाद उनकी गोल्फ स्टिक को अमेरिकी गोल्फ एसोसिएशन के गोल्फ म्यूजियम में रखा गया. आज भी जब लोग इस म्यूजियम में जाते हैं तो इस स्थ्टिक को देखना नहीं भूलते हैं.
नासा ने 50 साल बाद एलन की मारी गईं दोनों बॉल्स को खोज लिया
नासा ने 50 साल बाद खोज लीं दोनों बॉल्स
इस घटना के करीब 50 साल बाद 2021 में नासा ने गोल्फ की उन दोनों बॉल्स को खोजने का दावा किया. अंतरिक्ष एजेंसी ने दो साल पहले अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से चंद्रमा की सतह की कई तस्वीरें साझा कीं. इन तस्वीरों में दोनों गोल्फ बॉल्स की लोकेशन की जानकारी दी गई.
चांद पर कितनी दूर तक गईं दोनों गोल्फ बॉल्स?
गोल्ड बॉल्स की चांद पर सही लोकेशन का पता इमेजिंग एक्सपर्ट एंडी सान्डर्स ने लगाया था. उन्होंने बताया कि पहली गोल्फ बॉल हिट करने के बाद 24 गज और दूसरी 40 गज दूर गई थी. दूसरी बॉल शॉट मारने पर 182 मीटर की ऊंचाई तक उछली थी. इन बॉल्स की लोकेशन का पता उसी मिशन मून की तस्वीरों से लगाया गया था. इस मिशन के दौरान तीनों अंतरिक्ष यात्री धरती पर अपने साथ चांद की 42 किग्रा मिट्टी भी लाए थे. यह अभियान 9 दिन 2 मिनट का रहा था. तीनों अंतरिक्ष यात्री मिशन के दौरान चांद की सतह पर कुल 9.24 घंटे रहे थे. अपने साथ ये यात्री 450 करोड़ साल पुराना सफेद रंग का क्रिस्टेलाइन रॉक का नमूना भी लाए थे.