क्या आपका बच्चा भी दो साल या उससे कम उम्र का है और आप उसे चीनी या चीनी से बने प्रोडक्ट्स खिलाते हैं तो आपके लिए ये खबर बेहद जरूरी है. बच्चों के खाने में ज्यादा चीनी को शामिल करना और स्तनपान का समय से पहले बंद हो जाना दोनों ही कारण शिशु के दांतों को कम उम्र से ही खराब करना शुरू के देते हैं. ये स्टडी अमेरिका के ‘कम्युनिटी डेंटिस्ट्री एंड ओरल एपिडेमियोलोजी’ जर्नल में प्रकाशित हुई है, जिसमें 2 साल या इससे कम उम्र के करीब 800 बच्चों को शामिल किया गया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के मुताबिक, हर नवजात के जीवन की शुरुआती 6 महीने बहुत ही अहम होते हैं, क्योंकि इस समय शिशु के लिए सिर्फ स्तनपान ही जरूरी होता है. ये जीवनभर उनके शारीरिक विकास के लिए अहम खुराक होती है. इसके बाद ठोस भोजन के साथ स्तनपान कराया जाता है. इस समय ठोस भोजन में चीनी देने के लिए डॉक्टर्स मना कर देते हैं, लेकिन यही वो समय होता है जब माता-पिता अपने बच्चों को भोजन के साथ शुगर या इससे बन उत्पादों (चॉकलेट, चिप्स, स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स) को खिला देते हैं.
नतीजा, शिशु के दांत खराब होना शुरू हो जाते हैं. हालांकि, ये शिशु के दूध के दांत होते हैं, लेकिन रिसर्च में शामिल डॉक्टर्स का मानना है कि दूध के दांत टूटने के बाद भी जो नए दांत बनना शुरू होते हैं, उनमें बच्चों को समस्या आती है. किसी के दांतों का विकास ठीक से नहीं हो पाता तो किसी के दांतों में सड़न आ जाती है.
जानें स्टडी में क्या हुआ खुलासा
- 800 में से 25.8 प्रतिशत बच्चों के दांत खराब पाए गए.
- जिन बच्चों में चीनी की खपत कम थी, उनके दांतों में सड़न कम आई थी.
- 24 महीने तक स्तनपान की तुलना में 12 महीने स्तनपान करने वालों में ज्यादा कैविटीज दर्ज की गई.
- 2.8 प्रतिशत बच्चों ने किसी भी रूप से अपने दूसरे जन्मदिन से पहले चीनी का सेवन नहीं किया.
- 7.8 प्रतिशत बच्चों ने अपने जीवन के पहले साल में चीनी का सेवन किसी भी रूप से नहीं किया.
- 66.7 प्रतिशत बच्चों ने एक दिन में 5 से ज्यादा बार चीनी का सेवन किया.
इससे पहले भी कई रिसर्च में यह दावा किया गया है कि 12 महीने या उससे अधिक उम्र के बच्चों के दांतों में खराबी की परेशानी देखी गई है. चीनी की खपत और स्तनपान के कम होने का संबंध पाया गया. इस शोध में 800 बच्चों को शामिल किया गया. उन सभी के दांतों का अध्ययन किया गया और इसमें
भोजन की खपत के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अभिभावकों और देखभाल करने वाले परिजनों के इंटरव्यू लिए गए. उनसे पूछा गया कि आपके बच्चों को 24 घंटे के दौरान इन्हें क्या-क्या खिलाया पिलाया गया- उदाहरण के लिए चाय, दूध, जूस, बेबी फूड इसी आधार पर बच्चों में चीनी की खपत और स्तनपान के कम होने का संबंध पाया गया.
इस शोध में शामिल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ विश्वविद्यालय के मुताबिक, इस अध्ययन में नवजातों के भोजन में चीनी की खपत और स्तनपान के कम होने के बीच संबंध बनाने की कोशिश की गई, ताकि एक गाइडलाइन बनाई जा सके कि आखिर बच्चों के भोजन में किस उम्र में चीनी की अतिरिक्त मात्रा को शामिल करना सही होगा.
रिसर्च के मुताबिक, जो बच्चे सिर्फ स्तनपान से ही अपने आहार की पूर्ति करते हैं, उनमें ये परेशानी नहीं आती है, क्योंकि दूध लेकटोज की समस्या का कारण नहीं बनता है, जबकि इस अध्ययन में हमने जिन 800 बच्चों को शामिल किया, उन सभी के आहार में चीनी शामिल थी.
रिसर्च के मुताबिक, अगर दो या ढाई साल तक के शिशु को सिर्फ स्तनपान कराया जाए तो ओवर प्रोसेस्ड फूड या चीनी से जुड़े उत्पादों की खपत कम हो जाती है. जबकि जो बच्चे सिर्फ 12 महीने तक स्तनपान पर निर्भर रहे, उनके शरीर में चीनी की खपत ज्यादा देखी गई और यही कारण है कि बच्चों के दांत खराब हो गए.