मेघालय चुनाव 2023:BJP की बिना जनाधार कैसे होगी नैया पार ? सामने हैं 3 चुनौतियां

बर्नार्ड एन मारक
(फोटो: फेसबुक/बर्नार्ड एन मारक)

ऐतिहासिक रूप से, मेघालय की राजनीति में बीजेपी केवल एक मामूली खिलाड़ी रही है. पिछले दो दशकों में, पार्टी केवल दो सीटों पर जीतने में कामयाब रही है. ये दोनों सीट शिलॉन्ग और उसके आसपास हैं, जहां प्रवासी मतदाताओं की एक बड़ी संख्या है.वर्तमान में 60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में बीजेपी के केवल दो विधायक हैं – दक्षिण शिलांग से संबोर शुल्लई और शिलांग के उत्तरी भाग में पिनथोरुमखराह सीट से अलेक्जेंडर लालू हेक.

CM Conrad Sangma के सामने खड़े बीजेपी उम्मीदवार बर्नार्ड मारक पर वेश्यालय चलाने जैसा गंभीर आरोप

जुलाई 2022 में, तुरा की स्थानीय पुलिस ने मारक को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से गिरफ्तार किया था. मारक पर तुरा शहर से कुछ किलोमीटर दूर ईडनबारी के एक फार्महाउस में कथित तौर पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगा है.इसे ‘रिंपू बागान कांड’ के नाम से जाना गया और इस घटना ने जनता को चौकाने का काम किया.

मारक ने तीन महीने जेल में बिताए. हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है और जिस फार्महाउस पर सवाल उठाया जा रहा है, वह वेश्यालय नहीं था.

मेघालय के आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. हालांकि तीन वजहों से उसे इस उत्तर-पूर्वी राज्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

  1. ईसाई विरोधी छवि और राज्य में आधार की कमी
  2. कॉनराड संगमा पर हमला करना है या नहीं, इसपर दुविधा
  3. बीजेपी के वरिष्ठ नेता बर्नार्ड मारक पर लगे हैं गंभीर आरोप

1.ईसाई विरोधी छवि और राज्य में आधार की कमी

राज्य में दो मुख्य विपक्षी पार्टियां- तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस- बीजेपी पर “ईसाई-विरोधी” और “बाहरी लोगों” का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी होने का आरोप लगा रही है.पड़ोसी राज्य असम में बीजेपी सरकार द्वारा धर्मांतरण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से बीजेपी के खिलाफ इस नैरेटिव को मजबूती भी मिल रही है.

तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस दोनों ने बीजेपी पर “अल्पसंख्यक विरोधी” एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है. हालांकि बीजेपी ने धर्मांतरण विरोधी अभियान से खुद को दूर करने की कोशिश की है, लेकिन मेघालय में पार्टी के प्रति कुछ अविश्वास है.

2. कोनराड संगमा पर हमला करना है या नहीं?

बीजेपी जानती है कि मेघालय में उसका बड़ा जनाआधार नहीं है. ऐसे में बीजेपी यही चाहेगी कि मुकाबला बहुकोणीय हो और स्थानीय समझौतों का लाभ उठाकर किसी तरह वह दहाई सीट जीत ले.

बीजेपी को यह भी उम्मीद होगी कि मेघालय में किसी को पूर्ण बहुमत न मिले और बीजेपी एक बार फिर NPP और UDP, PDF और HSPDP जैसे क्षेत्रीय दलों को साथ लेकर गठबंधन की सरकार बनाए, लेकिन उस गठबंधन में सबसे प्रमुख पार्टी खुद भगवा पार्टी ही हो.

आखिरकार, बीजेपी मेघालय में एक निर्णायक खिलाड़ी बनना चाहती है, जैसे वह नागालैंड में बन गई है. अगर NPP कमजोर होती है और UDP मजबूत होती है तो भी बीजेपी को कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि इससे उसका लाभ बढ़ सकता है.

अब तक बीजेपी की राज्य इकाई ने कोई कसर नहीं छोड़ी है और NPP पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया है.

3. बीजेपी नेता बर्नार्ड मारक पर लगे आरोप

कोनराड संगमा के खिलाफ बीजेपी की रणनीति में एक बड़े चेहरे तुरा से गारो हिल स्वायत्त जिला परिषद के सदस्य बर्नार्ड मारक हैं. मारक दक्षिण तुरा विधानसभा क्षेत्र से कोनराड संगमा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

बर्नार्ड मारक बीजेपी और एनपीपी के बीच विवाद के बड़े चेहरे रहे हैं.

कोनराड संगमा पर हमलों के बावजूद, बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बहुत आक्रामक नहीं रहा है. यहां तक ​​कि कॉनराड संगमा भी अपनी ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की प्रशंसा करते रहे हैं- खासकर असम और मेघालय के बीच सीमा विवाद वार्ता के संबंध में.

इस रिश्ते और जनाधार की कमी के कारण, बीजेपी को एक विपक्षी दल के रूप में गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. विपक्ष का तमगा अभी भी तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के पास है. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी ने चुनाव के बाद एनपीपी के साथ गठबंधन किया था.

https://www.virat24news.com/?p=7140

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *