ससुर ने पैर दबाने के बहाने बहू को कमरे में बुलाया, अचानक उतार दिए सारे कपड़े, सास बोली- ये तो बहू का फर्ज, चलता है…

मध्य प्रदेश के इंदौर से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां ससुर ने अपनी बहू को दरिंदगी का शिकार बना दिया। महिला का आरोप है कि पैर दबाने के बहाने उसे कमरे में बुला लिया। अचानक कपड़े उतार दिए और बहू से दुष्कर्म किया। इस मामले में ससुर और पति पर एफआईआर दर्ज हो गई है। पूरा मामला अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र का है।

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पीड़िता का कहना है कि उसके ससुर ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। मामला उस समय शुरू हुआ, जब बहू अपने ससुर की मालिश कर रही थी। अचानक उसके ससुर ने अपनी सारी सीमाएं पार करते हुए कपड़े उतारकर जबरन शारीरिक संबंध बना लिए। जब उसने इस अमानवीय कृत्य की शिकायत अपने पति और सास से की, तो उसे एक दर्दनाक जवाब मिला– “यह तो चलता है, बहू का फर्ज है कि वह ससुर की सेवा करे।”

अपने साथ हुए इस घटना को लेकर पीड़िता बेहद डरी हुई थी। लेकिन उसने हिम्मत जुटाकर इस पूरी घटना की जानकारी अपने पति और सास को दी।लेकिन जिस सहारे की उसे उम्मीद थी, वहां उसे केवल उपेक्षा और सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ा। पति और सास ने इस कृत्य को सामान्य बताकर पीड़िता को और भी निराश कर दिया, जिससे वह भावनात्मक रूप से टूट गई।

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 इस सब के बावजूद पीड़िता ने हार नहीं मानी और अन्नपूर्णा थाने पहुंचकर अपने ससुर के खिलाफ शारीरिक शोषण का मामला दर्ज कराने पहुंची। पुलिस ने गंभीरता से मामले को लेते हुए भारतीय दंड संहिता की रेप से संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। 

इस पूरे मामले में एडिशनल डीसीपी आनंद यादव ने बताया कि भोपाल में रहने वाली महिला ने जीरो पर प्रकरण दर्ज कराया था। इसके बाद विवेचना के लिए प्रकरण अन्नपूर्णा थाने पर पहुंचा। महिला के कथन के अनुसार जांच पड़ताल शुरू की है। बताया जा रहा है कि पति सहित सास को भी इसकी जानकारी दी, तब भी किसी बात का हल नहीं निकला। प्रकरण के आधार पर दोनों ही पक्षों के कथन दर्ज किया जा रहे हैं और जो भी तथ्य सामने आएगा उसे अनुसार कार्रवाई की जाएगी परिवार कारोबारी है और रजामंदी के अनुसार ही शादी हुई थी। 

यह मामला न केवल शारीरिक शोषण का है, बल्कि उस सामाजिक मानसिकता को भी उजागर करता है। जहां बहूओं को उनकी गरिमा से नीचे गिराकर उन्हें केवल सेवा करने वाली समझा जाता है। पीड़िता की हिम्मत और साहस, जिसने अपनी आवाज़ को दबाने के बजाय न्याय के लिए लड़ने का फैसला किया, वह उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो इस तरह की घिनौनी स्थितियों का सामना कर रही हैं।

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