जस्टिन ट्रूडो ने तो अनजाने में मोदी को और लोकप्रिय बना दिया!
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जिस भी कारण से भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया हो पर इसके चलते भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत फायदा हुआ है. कनाडा के दुष्प्रचार से ही सही, भारत में यह प्रचारित तो हो ही गया कि मोदी आतंकवादियों को परदेस में भी बख्शने वाले नहीं हैं.
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में हत्या का आरोप भारत पर लगाकर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने क्या भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को और बढ़ाने का काम किया है? भारत में ऐसा महसूस किया जा रहा है कि कनाडा को ईंट का जवाब पत्थर से देकर पीएम मोदी ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत अब महाशक्ति बन चुका है. उसे दूसरे देशों की आंखों में आंख डालकर बोलना आ गया है. दूसरी ओर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का नरम पड़़ना भी मोदी सरकार की जीत के रूप में लिया जा रहा है. कनाडा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों का साथ न मिलने को भी भारतीय विदेश नीति की जीत के रूप में लिया जा रहा है. हालत तो यह हो गई है कि कनाडाई पीएम को अपने घर में सुननी पड़ रही है. दूसरी ओर भारत में इसे पीएम मोदी के कुशल कूटनीति के जीत के रूप में लिया जा रहा है.
ट्रूडो का गंभीर आरोप लगाकर पीछे हट जाना :
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत विरोधी रुख की हवा एक ही दिन में निकल गई है. सोमवार को अपनी संसद में ट्रूडो ने भारत विरोधी एजेंडा दिखाया. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने वाले ट्रूडो एक ही दिन में बदले-बदले दिखे. भारतीय राजनयिक को निष्कासित किए जाने के कनाडा के फैसले के बाद भारत ने भी कनाडाई राजनयिक को 5 दिन में भारत छोड़ने के आदेश दे दिए. इसके बाद ट्रूडो कहते हैं कि ‘हम भारत को उकसाना नहीं चाहते थे’. उनके तेवर बदले हुए थे और पहले के मुकाबले काफी नरम थे. उन्होंने कहा कि सिख आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत सरकार के बीच संबंधों का आरोप लगाकर हम भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. इसके पहले उनकी भाषा देखिए और समझिए कि कनाडा कितना नरम पड़ गया है. ट्रूडो ने सोमवार को कनाडाई संसद में कहा था “‘कनाडा के नागरिक की हत्या उसी की सरजमीं पर करने में विदेशी सरकार का शामिल होना बर्दाश्त नहीं करेंगे. यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है, जो मान्य नहीं होगा” .