बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर फराह खान ने बीते तीन दशक में 80 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। 6 फिल्मफेयर और एक नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर चुकीं फराह ने अपने करियर में 4 फिल्में डायरेक्ट भी कीं। इसमें से तीन फिल्में हिट रहीं।
फराह की फैमिली भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी रही है। भले ही उनके पिता कामरान खान एक्टर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर थे पर फराह का बचपन तंगहाली में बीता।
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हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में फराह ने इस बारे में बात की। उन्होंने बताया कि निधन के वक्त उनके पिता की जेब में मात्र 30 रुपए थे। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने और उनके भाई साजिद खान को पिता का फ्यूनरल अरेंज करने के लिए भी स्ट्रगल करना पड़ा था।
पिता ने मौत से एक रात पहले जुआ खेला था
फराह ने कहा, ‘एक रात पहले ही उन्होंने ताश (जुआ) खेला था और उनकी पॉकेट में मात्र 30 रुपए ही थे। साजिद ने भी हाल ही में बिग बॉस में बताया था कि कैसे उसने और मैंने अपने पिता का फ्यूनरल करने के लिए पैसा इक्ठ्ठा किया था।’
सामान के साथ बेचना पड़ा ग्रामोफोन
बातचीत में फराह ने कहा कि पहले वो अपने ग्रामोफोन पर बजाकर डांस करने के लिए रोजाना एक रिकॉर्ड खरीदती थीं। हालांकि, धीरे-धीरे उन्होंने अपनी फैमिली की फाइनेंशियल कंडीशन में गिरावट देखी। एक वक्त ऐसा आया जब उन्हें अपने घर के सामान के साथ ग्रामोफोन भी बेचना पड़ा।
ताला तक सुधरवाने के पैसे नहीं थे
फराह ने आगे बताया, ‘एक वक्त तो ऐसा था जब हमारे पास घर के बाहर वाले दरवाजे पर लगा ताला सुधरवाने के भी पैसे नहीं थे। मां उस दरवाजे को बंद करने के लिए दरवाजे के आगे एक बड़ी सी चट्टान रख दिया करती थी। उस मुश्किल वक्त में मेरे सेंस ऑफ ह्यूमर ने मुझे चुनौतियों से उबरने में मदद की।’
डार्क ह्यूमर ने डिप्रेशन में जाने से बचाया
पापा की मौत के लगभग एक महीने बाद हमें डार्क ह्यूमर में खुशी मिलने लगी। हमने उन फेक लोगों का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया जो हमारे पिता के फ्यूनरल में शामिल हुए थे।
उस वक्त भी उनके दिमाग में ताश खेलने के लिए जगह ढूंढने की बात चल रही थी। कई बार मुझे लगता है कि इसी डार्क ह्यूमर ने हमें डिप्रेशन में जाने से बचाए रखा।