रीवा> आरोप: पिता को संजय गांधी अस्पताल के डाक्टरों ने मारा है_पीड़ित युवक
कृष्णा जन्माष्टमी के दिन की है घटना। एक ओर जब पूरा देश धूमधाम से कृष्णा जन्माष्टमी मना रहा था तो वही दूसरी ओर रीवा के संजय गांधी अस्पताल में एक युवक अपने पिता का मृत शरीर लेकर इधर उधर भटकने को मजबूर था, पर क्यों? बतायेगे आपको इस खबर में…
रीवा: संजय गांधी अस्पताल, जिला चिकित्सालय और जीएमएच रीवा…ये तीनों जिले के सबसे बड़े अस्पताल हैं।
नेताओ और आला अधिकारीयों के द्वारा अक्सर यह दावा किया जाता है कि यहां आने वाले मरीजों को उच्चतम चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जाती है और यह प्रदेश के उन्नत असपतालो में से एक हैं।
परन्तु आये दिन इन अस्पतालों में ऐसी घटनाये घट जाती है जिनसे उक्त दावों की तो पोल खुलती ही है साथ ही साथ मानवता भी शर्मसार हो जाती है।
ताजा मामला कुछ ऐसा ही है जहा मानवता को शर्मसार करने वाली घटना घटी है। दरअसल एक पुत्र अपने मृत पिता की डेड बॉडी लेकर अकेला इधर उधर घूमने पर मजबूर हो गया। सुपरस्पेशलिटी से लेकर संजय गांधी अस्पताल तक उसको चक्कर पर चक्कर पर लगवाया गया। हद तो ये हो गयी कि इस बीच जब उसके पिता की मृत्यु हो गयी तब भी अस्पताल से मेडिकल स्टाफ का कोई भी कर्मचारी उसकी मदद को आगे नहीं आया, जो कि उनकी ड्यूटी का एक हिस्सा थी।
आपको बता दें कि पीड़ित युवक का नाम अंकित कुशवाहा है और वह उचेहरा सतना का निवासी है। पीड़ित युवक ने बताया कि उसके पिता की जब तबियत खराब हुयी तो पहले उसने उन्हें सतना में एडमिट कराया। वहा चिकित्स्कों ने रीवा ले जाने की सलाह दी। परीक्षण में पता चला कि पिता को ब्लड कैंसर है साथ ही किडनी में इन्फेक्शन है।
आगे पीड़ित युवक ने बताया कि रीवा लाकर पिता को भर्ती कराया परन्तु यहा पिता का इलाज अच्छे से नहीं हुआ, जिसकी वजह से उसके पिता की मृत्यु हो गयी है। और अब वह रात के बारह बजे पिता का मृत शरीर लेकर इधर उधर भटक रहा है, कोई भी मदद नहीं मिल रही है।
सोचिये दावों और सच्चाई में कितना अंतर है। और यह कोई पहली घटना नहीं है जब मानवता शर्मसार हुयी हो, ऐसी घटनाये अक्सर ही आती रहती हैं।