रीवा: अयोध्या दर्शन के बहाने भाजपा नेता विवेक गौतम देवतालाब में आखिर क्या तलाश रहे हैं? विधानसभा अध्यक्ष की अनदेखी के क्या है मायने
रीवा के प्रतिष्ठित राजनैतिक गौतम परिवार में चाचा-भतीजों की ये कैसी मची आपसी खींचतान ? यह महज संयोग तो नही हो सकता। घटनाक्रमों के कुछ तो है विषेश मायने।
क्या विधानसभा अध्यक्ष के राजनीतिक उत्तराधिकारी होगे विवेक गौतम या फिर पार्टी के अंदर ही करेंगे उनसे प्रतिद्वंदिता? क्या विधानसभा अध्यक्ष को कड़ी टक्कर देने की है तैयारी ?
क्या विवेक गौतम ने विधानसभा अध्यक्ष की खुद की अनदेखी या फिर विधानसभा अध्यक्ष ने खुद धार्मिक यात्रा से बनाई दूरी ?
कही यह धार्मिक यात्रा शक्ति प्रदर्शन यात्रा तो नही ?
- सैकड़ों यात्री अयोध्या रवाना
- सांसद रीवा और त्योथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने यात्रा को दिखाई हरी झंडी
- विअ की गैरमौजूदगी बनी चर्चा का विषय,गिरीश गौतम की एक तस्वीर तक आयोजन स्थल में नही दिखी
- सोशल मीडिया तक में गिरीश गौतम को नही किया गया टैग(tag) जबकि बाकी सभी (बीजेपी पार्टी,सांसद,सीएम, वी डी शर्मा,मंत्री राजेंद्र शुक्ल आदि) को किया गया है टैग
देवतालाब से विधायक हैं विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम
गिरीश गौतम के भतीजे है विवेक गौतम
कांग्रेस से पद्मेश गौतम भी खासा सक्रिय है देवतालाब में
विवेक गौतम और पद्मेश गौतम है चचेरे भाई
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी युवा नेता विवेक गौतम की अगुवाई में 2 सितंबर को दर्जनों बसों में सैकड़ो यात्री अयोध्या रवाना हुए हैं। आपको बता दें श्रद्धालुओं की इस अयोध्या यात्रा को रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और त्योथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। श्रद्धालुओं की यह अयोध्या यात्रा 4 सितंबर को वापस देवतालाब पहुंचकर संपन्न होगी। इस यात्रा में देवतालाब विधानसभा क्षेत्र के युवा एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचकर प्रभु श्री राम लाल के दर्शन करेंगे।
राजनीतिक गलियारों में श्रद्धा भाव में रंगी इस यात्रा के राजनैतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। राजनैतिक विश्लेषकों और आम जनों में यह चर्चा गर्म है कि आखिर इस यात्रा में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अनदेखी क्यों की गई जबकि देवतालाब से ही विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम विधायक हैं।
उल्लेखनीय है कि देवतालाब विधानसभा के श्रद्धालु अयोध्या जाते है और शुभारंभ कार्यक्रम में देवतालाब के ही विधायक को नहीं बुलाया जाता जबकि रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा और त्योथर के विधायक श्यामलाल द्विवेदी को इस यात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम में बतौर अतिथि बुलाया गया। नेताद्व्य ने ही यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है।
इसी खबर को वीडियो के रूप में देखिये: रीवा- विधानसभा अध्यक्ष की अनदेखी; देवतालाब में आखिर क्या तलाश रहे विवेक गौतम ?
चर्चा का विषय है कि आखिर क्या कारण है की देवतालाब से शुरू और देवतालाब में ही संपन्न होने वाली इस धार्मिक यात्रा में देव तालाब के विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल नहीं हुए या उन्हें शामिल नहीं किया गया। आलम यह रहा कि पूरे कार्यक्रम में उनकी चर्चा होना तो दूर, एक तस्वीर तक कहीं नहीं दिखाई दी, जबकि यह पूरी यात्रा और कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सराबोर है, परंतु फिर भी विधानसभा अध्यक्ष की अनदेखी क्यों की गई, यह सवाल सभी के मन में बिजली की मानिंद कौंध रहा है।
क्या बीजेपी में भी हावी हो रही गुटबाजी :
वैसे तो गुटबाजी के लिए कांग्रेस पार्टी को अक्सर आड़े हाथों लिया जाता है परंतु क्या वही गुटबाजी अब भारतीय जनता पार्टी में भी हावी हो रही है। विवेक गौतम जबसे राजनीति में आए तभी से रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के काफी करीबी रहे हैं, तो ऐसे में विवेक गौतम की अगुवाई में जब देवतालाब से श्रद्धालु अयोध्या गए हैं तो कार्यक्रम के शुभारंभ में सांसद जनार्दन मिश्रा को बुलाया जाना और देवतालाब विधायक गिरीश गौतम को शामिल न करना, इससे क्या यह माना जाए कि बीजेपी में भी गुटबाजी का आलम हावी हो गया है।
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साफ स्वच्छ छवि के नेता है विवेक गौतम :
विवेक गौतम ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बहुत ही कम उम्र से कर दी थी। शुरू में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रहे, बाद में भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष बने। छवि की बात करें तो विवेक गौतम बहुत ही साफ और स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं। साथ ही विवेक गौतम अपनी मधुर और संयमित वाणी के लिए भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। भारतीय जनता पार्टी के अंदर और बाहर विवेक गौतम एक जाना पहचाना नाम हैं और उनकी शख्सियत को लोग काफी पसंद भी करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष पिछला चुनाव महज कुछ ही वोटो से जीते थे और सबसे बड़ी बात चुनाव लड़ने के लिए उम्र के नजरिए से भी पार्टी की अघोषित गाइडलाइन में वह फिट नहीं बैठ रहे हैं। तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी अगर बीजेपी देवतालाब में उन्हें लेकर कोई बड़ा दांव खेल दे तो।
कांग्रेस से पदमेश गौतम देवतालाब में पहले से हैं सक्रिय :
जिला पंचायत सदस्य पद्मेश गौतम देवतालाब में जमीनी स्तर पर पिछले कई वर्षों से काफी सक्रिय है और देवतालाब विधानसभा में अच्छी खासी पैठ जमा चुके है। एक तरफ देवतालाब के लोग जहा उन्हें पसंद करते है, तो वही पद्मेश भी लोगो के सुख दुख में बराबर शरीक होते है। छोटे से छोटा कार्यक्रम भी अगर देवतालाब में होता है तो पद्मेश वहा अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराते देखे जाते है। चर्चाओं की अगर माने तो कांग्रेस पार्टी देवतालाब से उन्हें अपना अगला उम्मीदवार बना सकती है। माना जा रहा है कि अगर देवतालाब से पद्मेश कांग्रेस प्रत्याशी बनते हैं तो वो किसी भी बीजेपी उम्मीदवार को कड़ी टक्कर देने में सक्षम हैं।
बीजेपी पदाधिकारी और रिश्ते में चचेरे भाई राहुल गौतम भी नही रहे कार्यक्रम में मौजूद :
धार्मिक यात्रा के इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष गिरिश गौतम के बेटे राहुल गौतम जो कि भारतीय जनता पार्टी के जिला पदाधिकारी भी है उन्हें तक इस कार्यक्रम में कहीं नहीं देखा गया जबकि वह भी देवतालाब विधानसभा में काफी सक्रिय रहते हैं।
अयोध्या में विवेक गौतम ने आयोजित की बड़ी सभा :
जुटे कई बड़े प्रतिष्ठित साधु संत, सभा में लहराए भाजपा के झंडे
जी हां विवेक गौतम ने श्रद्धालुओं सहित अयोध्या पहुंचकर रामलला एवम अन्य पवित्र जगहों के दर्शन करने के साथ साथ एक बड़ी सभा भी आयोजित की जिसमे वेदांती जी जैसे प्रतिष्ठित साधु संत और हजारों लोग शामिल हुए है। कार्यक्रम का आयोजन काफी भव्यता के साथ किया गया था। सभा स्थल पर भाजपा के झंडे भी काफी मात्रा में दृष्टि गोचर हो रहे हैं। हालाकि प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यक्रम में कोई राजनैतिक बात तो नही हुई परंतु फिर यह भी है कि आखिर धार्मिक यात्रा में सभा कौन आहूत करता है। राजनीतिक पंडित इस सभा को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देख रहे हैं।
धार्मिक सभा में वेदांती जी ने भी दिया जीत का आशीर्वाद:
अयोध्या में भारी हुजूम के बीच संपन्न हुई धर्मसभा में वेदांती महराज ने विवेक गौतम को जीत का आशीर्वाद देते हुए कहा है कि जाइये मै रामलला से प्रार्थना करुगा कि आप जिस मकसद से अयोध्या आये है आपकी वो मनोकामना शीघ्र पूर्ण हो और आप देवतालाब से चुनाव जीतकर पुनः अयोध्या आये और रामलला के दर्शन करें।
क्या धार्मिक यात्रा के बहाने विवेक गौतम देवतालाब में नई राजनीतिक पारी की कर रहे शुरुआत ?
विवेक गौतम का ग्रह ग्राम है मनगवा और शुरू में मनगवा से ही गिरीश गौतम चुनाव श्रीनिवास तिवारी के खिलाफ लड़ते रहे हैं। ऐसे में विवेक गौतम का गृह ग्राम मनगवा को छोड़कर देवतालाब आकर वहां से श्रद्धालुओं को अयोध्या ले जाना कई सवालों को जन्म देता है।
सवाल उठ रहे है कि,
- क्या विधानसभा अध्यक्ष के राजनीतिक उत्तराधिकारी होगे विवेक गौतम या फिर करेगे पार्टी के अंदर ही करेगे उनसे प्रतिद्वंदिता?
- क्या विधानसभा अध्यक्ष को कड़ी टक्कर देने की है तैयारी?
- कही इस धार्मिक यात्रा के द्वारा बीजेपी नेता विवेक गौतम देवतालाब से अपने चुनावी राजनैतिक सफर का आगाज तो नही करने जा रहे है?
- क्या विवेक गौतम ने विधानसभा अध्यक्ष की खुद की अनदेखी या फिर विधानसभा अध्यक्ष ने खुद धार्मिक यात्रा से बनाई दूरी ?
बहरहाल धार्मिक यात्रा के इस कार्यक्रम में जिस प्रकार से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अनदेखी की गई उससे तो राजनीतिक पंडित यही मानते हैं की विवेक गौतम आने वाले दिनों में देवतालाब में राजनीतिक परिदृश्य में कुछ बड़ा करने वाले है, जिसकी शुरुआत उन्होंने इस धार्मिक यात्रा के माध्यम से कर दी है।
हालांकि असल में क्या होगा और क्या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा परंतु जिस प्रकार के घटनाक्रम घटित हुए हैं उससे तो ऐसा ही लगता है की भारतीय जनता पार्टी देवतालाब में विवेक गौतम के जरिए कुछ बड़ा करने जा रही…