भारत: कितने तरह के गाड़ियों के नंबर प्लेट के विषय में आप जानते है
कितनी तरह की नंबर प्लेट, क्या आप जानते हैं उनकी अहमियत
हाल ही में भारत जापान को पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार बन गया है। विभिन्न सेगमेंट में वाहनों की मांग बढ़ने के कारण यह इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से पीछे है। हर वाहन एक विशिष्ट पहचान के साथ आता है जिसमें एक प्लेट पर उभरे लैटिन अक्षरों और अरबी संख्या के आंकड़ें दर्ज रहते हैं।
यह लाइसेंस/पंजीकरण प्लेट होता है जो सिर्फ नंबर प्लेट के रूप में जाना जाता है, यह किसी वाहन की सबसे महत्वपूर्ण वाहन पहचान संपत्ति है, चाहे वह यात्री वाहन हो, दोपहिया, तिपहिया या कमर्शियल वाहन हो। हालांकि, अगर आप एक आम नागरिक से भारत में उपलब्ध लाइसेंस प्लेटों के बारे में पूछें तो हो सकता है वह आपको इसके बारे में नहीं बता पाए। यहां हम आपको देश में उपलब्ध विभिन्न तरह की नंबर प्लेटों और उनके महत्व के बारे में बता रहे हैं।
विभिन्न तरह की नंबर प्लेट>>>
सफेद नंबर प्लेट :
यह भारत में देखी जाने वाली सबसे आम तरह की लाइसेंस प्लेट है। जिसमें सफेद बैकग्राउंड पर पंजीकरण डिटेल्स काले रंग में दर्ज रहते हैं। इस तरह की पंजीकरण प्लेट निजी या गैर-व्यावसायिक वाहनों पर देखी जाती है और इसका इस्तेमाल कमर्शियल (वाणिज्यिक) उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है। जैसे यात्रियों को किराए पर लेना या माल ढुलाई करना।
पीली नंबर प्लेट :
पीले रंग की पृष्ठभूमि वाली प्लेटें पर काले रंग में पंजीकरण डिटेल्स लिखे ये नंबर प्लेट व्यावसायिक हल्के मोटर वाहनों जैसे टैक्सी, ऑटो, कैब आदि पर लागू होती हैं। इन वाहनों की ट्रैक्स संरचना निजी वाहनों की तुलना में अलग होती है। इसके अलावा, ऐसे वाहनों के चालकों के पास वाणिज्यिक वाहन ड्राइविंग लाइसेंस भी होना चाहिए।
हरी नंबर प्लेट :
हमारे देश में हरे रंग की नंबर प्लेटों का चलन बढ़ रहा है। ऐसी प्लेटें विशेष रूप से पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए रिजर्व हैं। हरे बैकग्राउंड में सफेद अक्षर वाले ये नंबर प्लेट ईवी निजी वाहनों के लिए लागू होते हैं जबकि पीले अक्षर वाले ईवी व्यावसायिक वाहनों के लिए आरक्षित होते हैं।
लाल नंबर प्लेट :
लाल बैकग्राउंड पर सफेद अक्षरों वाली नंबर प्लेट बताती है कि पंजीकरण डिटेल्स अस्थायी है। भारत में लाल नंबर प्लेट तब तक हो सकती है जब तक वाहन के पंजीकरण के बाद आरटीओ से स्थायी पंजीकरण नंबर नहीं मिल जाता। हालांकि, लाल नंबर प्लेट सिर्फ एक महीने के लिए वैध होती है। ऐसी नंबर प्लेटें आमतौर पर टेस्टिंग के तहत वाहनों के लिए आरक्षित होती हैं। कई राज्य ऐसे वाहनों को अपनी सड़कों पर चलने की इजाजत नहीं देते हैं।
नीली नंबर प्लेट
सफेद अक्षरों वाली नीली नंबर प्लेट विदेशी राजनयिकों के लिए आरक्षित है। ऐसी नंबर प्लेटों पर मुख्य रूप से तीन कोड- CC (कॉन्सुलर कोर), UN (संयुक्त राष्ट्र), या CD (कॉर्प्स डिप्लोमैटिक) में से कोई एक कोड होता है। राज्य कोड प्रदर्शित करने के बजाय, ये नंबर प्लेटें राजनयिक के देश कोड को पढ़ती हैं।
ऊपर की ओर इशारा करते तीर के साथ नंबर प्लेट :
ऐसी नंबर प्लेटें विशेष रूप से सैन्य उद्देश्यों के लिए आरक्षित होती हैं और रक्षा मंत्रालय के तहत पंजीकृत होती हैं। पहले या दूसरे अक्षर के बाद ऊपर की ओर इंगित करने वाले तीर को ब्रॉड एरो के रूप में जाना जाता है। तीर के बाद के नंबर उस वर्ष को दर्शाते हैं जिसमें वाहन खरीदा गया था। अगला बेस कोड होता है, उसके बाद सीरियल नंबर दर्ज रहता है। सीरियल के बाद अंतिम अक्षर वाहन की श्रेणी को दर्शाता है।
भारतीय एम्बलेम के साथ लाल नंबर प्लेट
भारतीय एम्बलेम वाली नंबर प्लेटें विशेष रूप से सिर्फ भारत के राष्ट्रपति या राज्यों के राज्यपालों के लिए आरक्षित हैं।
काली नंबर प्लेट :
पीले अक्षरों वाली काली नंबर प्लेट को आमतौर पर एक लग्जरी होटल की संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया जाता है। ऐसे वाहनों को वाणिज्यिक वाहनों के रूप में माना जाता है, जिनके चालक के पास वाणिज्यिक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता है।
भारत सीरीज
विभिन्न राज्य कोडों के अलावा, एक आम नागरिक अपने वाहन के लिए ‘बीएच’ या भारत सीरीज लाइसेंस प्लेट के लिए भी आवेदन कर सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी, और चार या ज्यादा राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालयों वाली फर्मों के निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी बीएच सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
यह नंबर प्लेट किसी वाहन के मालिक के किसी नए राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में ट्रांसफर होने पर उसके फिर से पंजीकरण की परेशानियों को खत्म करके अंतर-राज्यीय आवाजाही को आसान बनाने के लिए पेश की गई थी।