NSA अजित डोभाल ने चीनी राजनायिक से कही बड़ी बात, भारत चीन के रिश्ते अब…
- LAC गतिरोध पर चीनी डिप्लोमैट से बोले
- अजीत डोभाल भारत चीन रिश्ते में रणनीतिक विश्वास नहीं रहा
- 2020 के बाद से ऐसे हालत पैदा हुआ
LAC (लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल) पर गतिरोध के मामले में अजित डोभाल ने चीनी डिप्लोमैट से बही बात कही है। उन्होंने कहा है कि 2020 के बाद भारत चीन के बीच रणनीतिक विश्वास खत्म हो चूका है। डोभाल के इस बात के बड़े मायने है। भारत चीन जानकारों का मानना है कि इस ब्यान के बाद चीन क्या कहता है ये बड़ी बात होगी।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीनी राजनयिक वांग यी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के बारे में बात करते हुए एनएसए डोभाल ने कहा कि 2020 के बाद से दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास ‘खत्म’ हो गया है। यह मुलाकात दक्षिण अफ्रीका में हुई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा :
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एनएसए डोभाल के हवाले से कहा है कि 2020 से भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और रिश्ते के सार्वजनिक और राजनीतिक आधार को कमजोर कर दिया है। भारत तीन साल से अधिक समय से चीन के साथ सैन्य गतिरोध में फंसा हुआ है।
दक्षिण अफ्रीका में हुई मुलाक़ात :
डोभाल और वांग यी के बीच बैठक 24 जुलाई को जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के मौके पर हुई। ब्रिक्स ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का एक समूह है। वांग यी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग के कार्यालय के निदेशक हैं। मुलाकात के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
एनएसए डोभाल ने स्थिति को पूरी तरह से हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए निरंतर प्रयासों के महत्व पर जोर दिया, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सके। इससे पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 जुलाई को इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) मंत्रिस्तरीय बैठक के मौके पर वांग यी से मुलाकात की थी।
वांग यी ने रणनीतिक आपसी विश्वास को बढ़ाने और आम सहमति और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को व्यक्त किया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बाधाओं को दूर करने और द्विपक्षीय संबंधों को तेजी से पटरी पर लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।