सीधी पेशाब काण्ड: सियासत तेज, नापतोल कर चला बुलडोजर, अंदर कांग्रेसी तो बाहर डटे रहे भाजपाई


सीधी पेशाब काण्ड: सियासत तेज, नापतोल कर चला बुलडोजर, अंदर कांग्रेसी तो बाहर डटे रहे भाजपाई

मूत्र विसर्जन पर सियासत तेज नापतोल कर चला बुलडोजर घर के अंदर कांग्रेसी तो बाहर डटे रहे भाजपाई

सीधी: आदिवासी युवक पर विधायक प्रतिनिधि के मूत्र विसर्जन मामले में प्रदेश की सियासत गरमा गई है। पुलिस ने मंगलवार रात आरोपी प्रवेश शुक्ला को गिरफ्तार कर उसे कोर्ट ले गया जहां से जेल भेज दिया गया -उस पर एनएसए भी लगाया गया है ,सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया कि जरूरत पड़ी तो मामाजी अपराधियों को 10 फुट जमीन के नीचे भी गाड़ देंगे, इसके बाद त्वरित कार्यवाही करते हुए घर के एक हिस्से को गिरा दिया गया।

प्रवेश शुक्ला के बचाव में एक गुमशुदगी 1 जुलाई को दर्ज कराई गई थी जिसमें उसके चाचा विद्या कांत शुक्ला ने पुलिस को बताया था कि उनका भतीजा प्रवेश 29 जून से लापता है, रिपोर्ट में उन्होंने वीडियो का जिक्र करते हुए बताया था कि कुछ लोग उसे ब्लैकमेल और बदनाम कर रहे हैं ,बुधवार सुबह राजस्व विभाग की टीम के साथ आरोपी के गांव पहुंची वहां आवास निर्माण के लिए ग्राम पंचायत से एनओसी नहीं लेने का कहकर घर के एक हिस्से को तोड़ दिया। इतना ही नहीं सीधी विधायक केदार शुक्ला सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता पीड़ित आदिवासी के घर पहुंचे तो उनके विरोध में आदिवासी महिलाओं ने विधायक की ओर चप्पल लहराया, इस दौरान कांग्रेसी नेत्री सीधी विधायक केदार शुक्ला के बीच जुबानी झड़प भी हुई।
विधायक ने पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से कांग्रेसी नेत्री को वहां से हटाने के लिए कहा, इस पर कांग्रेसी विधायक पर महिलाओं के अपमान व अभद्रता का भी आरोप लगाया है , युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता गांधी चौक के पास एकत्रित हुए और पदयात्रा करते हुए जा रहे थे रास्ते में अस्पताल के पास पुलिस ने उन्हें रोक लिया प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने दो फायर ब्रिगेट से पानी की बौछार की। इस दौरान झड़प भी हुई, पुलिस ने जिला अध्यक्ष युवा कांग्रेस देवेंद्र सिंह दादू प्रदेश सचिव उत्सव सिंह टिंकू, अध्यक्ष दीपक मिश्रा को कोतवाली ले गई थी।

कुल मिलाकर मूत्र विसर्जन पर राजनीति शुरू हो गई है कांग्रेस के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के साथ बैठे रहे जबकि भाजपा की ओर से विधायक के केदार शुक्ला पदाधिकारी और कार्यकर्ता घर के बाहर बैठे रहे। इस दौरान पूरा गांव छावनी में तब्दील रहा जहां 300 से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया था। जबकि 1000 से अधिक लोगों की भीड़ लगी रही।
वहीं पूरे मामले में भाजपा विधायक द्वारा आदिवासी युवक के साथ की गई हरकत पर प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि यह बेहद शर्मनाक है प्रदेश में भाजपा के 18 साल के शासन में आदिवासियों पर अत्याचार के 30400 मामले सामने आए हैं।

भाजपा ने 4 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है जिसमे जनजाति विकास प्राधिकरण अध्यक्ष रामलाल रौतेल इसके अध्यक्ष है विधायक शरद कोल,अमर सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष कांति देव सिंह को शामिल किया गया है, इधर कांग्रेसी जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है इसमें मानिक लाल चंद गुप्ता सरस्वती सिंह और बसंती को शामिल किया गया है।
अब देखने वाली बात यह है कि आदिवासी युवक पर मूत्र विसर्जन मामले में कांग्रेसी भाजपा को कितना घेर पाते है और भाजपा इस घटना से अपने आप को आदिवासियों के बीच हुई किरकिरी से निकलने के लिए क्या उपाय करती है ???

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