कश्मीर में तैनात सेना के जवान ने लगाई मदद की गुहार: ‘मेरी पत्नी को 120 लोगों ने अर्धनग्न कर बेरहमी से पीटा’
गौरतलब है कि कश्मीर में पदस्थ सेना के एक जवान ने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी को गांव के 120 लोगों ने अर्धनग्न करके बेरहमी से पीटा है । घटना तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के कड़ावसल गांव की बताई जा रही है। इस घटना का वीडियो सेना से रिटायर्ड अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल एन त्यागाराजन ने ट्विटर में पोस्ट किया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकर अनुसार पीड़ित जवान वर्तमान में कश्मीर में तैनात है। इस मामले में पुलिस का भी बयान सामने आया है। पुलिस ने एक प्रेस नोट में दावा किया है कि जवान के दावों में सच्चाई नहीं है। हाथापाई की बात को तो सही माना है लेकिन इस बात से इनकार किया है कि इसमें जवान की पत्नी को चोट आयी है या फिर उसे अर्धनग्न करके मारा पीटा गया है। उधर, इस घटना ने प्रदेश में सियासी तूफान ला दिया है।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो से जुड़ी सनसनीखेज घटना तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले के कड़ावसल गांव की बताई जा रही है। वीडियो में दिख रहा शख्स सेना के जवान का नाम प्रभाकरन बताया जा रहा है, जो वर्तमान में हवलदार पद पर कश्मीर में तैनात है। वीडियो को सेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल एन त्यागराजन द्वारा पोस्ट किया गया है।
सेना के जवान का क्या कहना ?
वीडियो में सेना के जवान कह रहा है, ‘मेरी पत्नी एक जगह लीज पर दुकान चलाती है। उसके साथ करीब 120 लोगों ने मारपीट की और दुकान का सारा सामान बाहर फेंक दिया। एसपी को याचिका भेजी है और उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। डीजीपी साहब कृपया मदद करें। उन्होंने परिवार पर चाकुओं से हमला किया और धमकी भी दी। मेरी पत्नी को अर्धनग्न कर दिया गया और बेरहमी से पीटा गया। न्याय और सुरक्षा दी जाये।
पुलिस का दावा:
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद एक बयान जारी किया और दावा किया कि घटना को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। पुलिस ने कहा कि रेणुगंबल मंदिर से संबंधित भूमि पर बनी एक दुकान को प्रभाकरन के ससुर सेल्वामूर्ति को कुमार द्वारा पांच साल की अवधि के लिए 9.5 लाख रुपये में पट्टे पर दिया गया था। कुमार के मरने के बाद, उसका बेटा रामू दुकान वापस चाहता था, इसलिए वह पैसे वापस करने को तैयार हो गया और 10 फरवरी को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
रामू ने दावा किया कि सेल्वमूर्ति ने पैसे लेने से इनकार किया और दुकान छोड़ने से इनकार कर दिया। 10 जून को, रामू सेल्वमूर्ति के बेटों जीवा और उदय को पैसे देने के लिए दुकान पर गया था, जिसने कथित तौर पर रामू पर हमला किया था। जीवा ने कथित तौर पर चाकू से रामू का सिर काट दिया था। पुलिस का दावा है कि हाथापाई देखने के बाद, लोग रामू के समर्थन में आ गए, जिससे एक बड़ी लड़ाई हुई, जिसमें दुकान में रखा सामान बाहर फेंक दिया गया। पुलिस ने दावा किया कि प्रभाकरन की पत्नी कीर्ति और उसकी मां दुकान में थीं, भीड़ ने उन पर हमला नहीं किया।
बाद में शाम को प्रभाकरन की पत्नी ने खुद को अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि जवान का कहना है कि उसकी पत्नी को गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह सच नहीं है। पुलिस ने शिकायतों के आधार पर दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी है लेकिन पुलिस का कहना है कि हवलदार प्रभाकरन द्वारा दावों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।