AI के लिए कानून लाने की तैयारी में सरकार, IT मिनिस्टर ने कहा, नौकरियों पर कोई खतरा नहीं
नई दिल्ली. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (IT) राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य प्रौद्योगिकियों से यूजर्स पर होने वाले नुकसानों के नजरिये से इनका नियमन करेगी.
AI के विकास से नौकरियां जाने की आशंका को खारिज करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि अगले कुछ वर्षों तक AI की वजह से रोजगारों पर कोई खतरा नहीं है लेकिन पांच सात साल में ऐसा हो सकता है.
उन्होंने कहा कि AI पर आधारित मंच चैटजीपीटी (ChatGPT) का निर्माण करने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) के संस्थापक सैम ऑल्टमैन की भारत यात्रा उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से इंगित करती है.
Credit Utilization Ratio: क्या होता है क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो, जानें आपके क्रेडिट स्कोर पर कैसे पड़ता है असर
सरकार AI को करेगी रेगुलेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले नौ वर्षों में भारत ने डिजिटाइजेशन के मामले में कितनी तरक्की की है, इसके बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को रेगुलेट करेगी कि यह डिजिटल नागरिकों को नुकसान न पहुंचाए. उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर विषाक्तता और आपराधिकता में काफी वृद्धि हुई है. हम डिजिटल नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों को सफल नहीं होने देंगे.
कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र को राज्य सरकारों के साथ इस पर सख्ती से काम करना होगा. उन्होंने कहा कि देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिला है और साइबर स्पेस में सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का विजन और मिशन है. केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल इंडिया बिल पर हितधारकों के साथ विचार विमर्श इसी महीने शुरू होगा. उन्होंने कहा कि नया पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल भी जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा.
तकनीकी क्षेत्र में बढ़ी नौकरियां
चंद्रशेखर ने कहा कि तकनीकी क्षेत्र ने देश में पिछले पांच वर्षों में एक करोड़ से अधिक नौकरियां क्रिएट की हैं. उन्होंने कहा कि यह संभव है कि अगले पांच से दस साल में एआई कुछ क्षेत्रों में इंसान की जगह लेने के लिए पर्याप्त बुद्धिमान हो जाए. लेकिन आज की तारीख में एआई का इस्तेमाल टास्क पर हो रहा है. 2014 से हमारा यही लक्ष्य रहा है कि हम डिजिटल नागरिक की रक्षा करेंगे. हम उन प्लेटफार्मों को देश में डिजिटल नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे. एआई विनियमन के लिए हमारा दृष्टिकोण काफी सरल है.