
जानें सुनील दत्त क्यों चले थे पंजाब में 2000 किमी पैदल, पैर में पड़ गए थे छाले
विख्यात अभिनेता सुनील दत्त आज भले ही हमारे बीच नहीं हो परन्तु उनकी यादें हमेशा रहेगी, वो एक अच्छे कलाकार थे, राजनीतिज्ञ हुए और सबसे बड़ी बात अच्छे इंसान थेI
विख्यात अभिनेता सुनील दत्त के बारे में कहा जाता है कि महान कलाकार और राजनेता के साथ-साथ एक जिंदादिल इंसान भी थे। सुनील दत्त की 25 मई को पुण्यतिथि है और आज हम आपको बता रहे हैं अभिनेता से नेता बने सुनील दत्त की जीवन की एक ऐसी 2000 किमी की पैदल यात्रा के बारे में, जो उन्होंने तेज धूप की परवाह किए पंजाब में तय की थी।
पंजाब की सुनील दत्त की यह पैदल यात्रा आज भी इसलिए प्रासंगिक हैं क्योंकि सुनील दत्त ने पंजाब में बढ़ते उग्रवाद के बीच शांति के लिए यह 2000 किमी की पैदल यात्रा की थी। गौरतलब है कि पंजाब में बीते कुछ समय से एक बार फिर खालिस्तानी गतिविधियां सक्रिय हो गए है।
78 दिनों तक चले पैदल, पैर में पड़ गए छाले
साल 1987 में पंजाब में जब खालिस्तानी उग्रवादी आंदोलन चरम पर था तो सद्भाव व भाईचारे के लिए सुनील दत्त ने मुंबई से अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर तक के लिए महाशांति पदयात्रा निकाली थी। 78 दिनों की इस पैदल यात्रा में सुनील दत्त के साथ 80 से ज्यादा बड़े नेता भी बीच-बीच में शामिल होते थे। रास्ते में जगह-जगह लोग सुनील दत्त की एक झलक पाने में उमड़ रहे थे। 2000 किमी की पूरी यात्रा के दौरान 500 से ज्यादा सभाएं की थी।
बेटे संजय दत्त की रिहाई के लिए भी हुए परेशान
पंजाब में शांति और सद्भावना के लिए पैदल यात्रा करने वाले सुनील दत्त को जब पता चला कि मुंबई हमला में उनके बेटे व अभिनेता संजय दत्त का नाम भी आ रहा है तो उन्हें काफी धक्का लगा था। संजय दत्त को AK-56 रखने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद सुनील दत्त के राजनीतिक करियर को बड़ा झटका लगा था।
सुनील दत्त के यादगार फिल्में
6 जून, 1929 को पाकिस्तानी पंजाब में जन्में सुनील दत्त बहुमुखी अभिनय कौशल के लिए जाने जाते थे। सुनील दत्त ने 1950 के दशक के अंत में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी और “मदर इंडिया,” “वक्त,” “पड़ोसन,” और “मेरा साया” जैसी फिल्मों में यादगार काम किYAI