बार-बार देखते हैं खुद अपलोड की InstaGraM Story? समझें इसके पीछे की साइकोलॉजी

Psychology Behaviour: बार-बार देखते हैं खुद अपलोड की Insta Story? समझें इसके पीछे की साइकोलॉजी
Human Behaviour Explained: क्या आप इंस्टा पर स्टोरी अपडेट करने के बाद खुद उसे बार-बार देखते हैं? अगर हां, तो आपने कभी सोचा है कि कोई ऐसा क्यों करता है? साइकोलॉजिस्ट ने इसका कारण बताया है. आइए समझते हैं खुद की इंस्टा स्टोरी देखने के पीछे का पूरा मनोविज्ञान.
आज के डिजिटल युग में हर कोई सोशल मीडिया इस्तेमाल करता है. युवाओं के बीच इंस्टाग्राम बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. आजकल ज्यादातर लोग इंस्टा पर रील स्क्रॉल करते हुए अपना समय बिताते हैं. रील स्क्रॉल करते हुए समय कहां निकल जाता है, इसका अंदाजा भी नहीं लगता है. चाहे टीवी देख रहे हैं या किसी के साथ बैठे हैं, अक्सर लोग अपने फोन पर इंस्टा स्क्रॉल करते रहते हैं. हम रोजाना इंस्टा स्क्रॉल करते हैं, स्क्रॉल का ये वक्त तब बढ़ जाता है जब आप अपनी प्रोफाइल पर कोई स्टोरी अपलोड करते हैं.

कई लोगों की आदत होती है कि वो इंस्टा पर स्टोरी अपलोड करने के बाद उसे बार-बार देखते रहते हैं. क्या आपने सोचा है कि लोग ऐसा क्यों करते हैं? इसके पीछे पूरा मनोविज्ञान है. कॉस्मोपॉलिटन में छपे एक आर्टिकल के मुताबिक खुद की इंस्टा स्टोरी बार-बार देखने के पीछे बड़ा कारण है. आइए समझते हैं क्या कहते हैं साइकोलॉजिस्ट…

क्या आत्ममुग्ध होते हैं ये लोग?
[आत्ममुग्ध का अर्थ हैं ‘ख़ुद पर इतराना’ या खुद पर घमंड करना]

आपको ऐसा लग सकता है कि लोग खुद की स्टोरी बार-बार इसलिए देखते हैं क्योंकि वो आत्ममुग्ध (Self Obsessed) होते हैं, लेकिन अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसा होता नहीं है. जरूरी नहीं है कि अगर आप बार-बार खुद की इंस्टा स्टोरी देख रहे हैं तो आप आत्ममुग्ध हैं. इंस्टा पर खुद की स्टोरी देखना बहुत आम बात है. आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है.

लोगों से ज्यादा कनेक्टेड महसूस करना :
मनोविज्ञान पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, आप अपनी स्टोरी बार-बार इसलिए देखते हैं क्योंकि आपको ये जानने में दिलचस्पी होती है कि आपकी स्टोरी किसने-किसने देख ली है. आप इस बात से इसका अंदाजा लगाते हैं कि कौन-कौन आपकी स्टोरी में दिलचस्पी ले रहा है. इस तरह आप लोगों से ज्यादा कनेक्टेड महसूस करते हैं.

लोगों से जुड़ने और स्वीकार्य महसूस करना :
एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके पीछे एक और कारण है. दरअसल, मनुष्य ट्राइबल स्वभाव के होते हैं. लोगों से जुड़ने और स्वीकार्य महसूस करना ही हमारी अंतर्निहित इच्छा होती है.  एक्सपर्ट का मानना है कि पुराने वक्त में किसी को जीवित रहने के लिए किसी ट्राइब का हिस्सा होना बेहद जरूरी होता था. ठीक वैसे ही आज हमारे अंदर किसी ग्रुप या समुदाय में फिट होने की प्रबल इच्छा होती है, जिसके लिए हम कुछ खास प्रयोग करते हैं.

आत्मविश्वास की कमी :

साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि बार-बार खुद की इंस्टा स्टोरी देखने का बिल्कुल ये मतलब नहीं है कि आप घमंडी और आत्ममुग्ध व्यक्ति हैं. बल्कि, बार-बार खुद की इंस्टा स्टोरी देखना इस ओर इशारा करता है कि आपमें आत्मविश्वास की कमी है. इसलिए अपनी स्टोरी के जरिए आप दूसरों से स्वीकार्यता की अपेक्षा रखते हैं. हालांकि, लोगों के साथ स्टोरी शेयर करना, कनेक्ट करना और उनका रिएक्शन पाना बहुत ही सामान्य है. ये तब परेशानी बनने लगती है जब आप खुद को अच्छा और महत्वपूर्ण महसूस कराने के लिए या दूसरों से स्वीकार्यता पाने के लिए अपनी इंस्टा स्टोरी डालते हैं. 

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