Umesh Pal Murder Case: अतीक की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन माफिया घोषित; शूटर साबिर के साथ होने की आशंका
प्रयागराज में मारे गए माफिया अतीक अहमद की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन के मामले में नया मोड़ आया है। शाइस्ता के खिलाफ दर्ज एक ताजा एफआईआर में उसे ‘माफिया’ करार दिया गया है।
मुकदमे में यह भी दावा किया गया है कि शाइस्ता के साथ हर समय साबिर नाम का एक शूटर रह रहा है। इसी बीच प्रयागराज पुलिस ने कौशांबी-प्रयागराज के कछार इलाके में छापेमारी भी की है।
2 मई को यहां रुकी थी शाइस्ता
जानकारी के मुताबिक, शूटर साबिर उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से एक है। पुलिस ने उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2 मई को पुलिस ने आतीन जफर नाम के शख्स के घर पर छापा मारने के बाद एफआईआर दर्ज की थी, जहां शाइस्ता ठहरी थी।
पुलिस ने बताया कि वह अपने बेटे के दोस्त आतीन के घर साबिर के साथ रुकी थी। आतीन को 2 मई को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को शाइस्ता के ठिकाने के बारे में बताया है।
मुकदमे में यह भी दावा किया गया है कि शाइस्ता के साथ हर समय साबिर नाम का एक शूटर रह रहा है। इसी बीच प्रयागराज पुलिस ने कौशांबी-प्रयागराज के कछार इलाके में छापेमारी भी की है।
2 मई को यहां रुकी थी शाइस्ता
जानकारी के मुताबिक, शूटर साबिर उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों में से एक है। पुलिस ने उस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2 मई को पुलिस ने आतीन जफर नाम के शख्स के घर पर छापा मारने के बाद एफआईआर दर्ज की थी, जहां शाइस्ता ठहरी थी।
पुलिस ने बताया कि वह अपने बेटे के दोस्त आतीन के घर साबिर के साथ रुकी थी। आतीन को 2 मई को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को शाइस्ता के ठिकाने के बारे में बताया है।
पिछले महीने वायरल हुआ था शाइस्ता का वीडियो
पिछले महीने शाइस्ता परवीन के एक शादी समारोह में शामिल होने के कई वीडियो और तस्वीरें सामने आई थीं। हालांकि तस्वीरों और वीडियो की लोकेशन का पता नहीं चला है, लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इन तस्वीरों और क्लिप का इस्तेमाल यूपी पुलिस ने शाइस्ता परवीन को पकड़ने के लिए किया था, जो फरार है।
28 मार्च को अतीक को मिली थी उम्रकैद की सजा
बता दें कि 28 मार्च को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद समेत तीन लोगों को वर्ष 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दावा किया जा रहा था कि यह अहमद को किसी केस में सुनाई गई पहली सजा थी, जबकि अतीक के खिलाफ 100 से ज्यादा केस दर्ज थे।