केंद्रीय जेल रीवा से आजीवन सजा काट रहे 15 कैदी रिहा कर दिए गए है, पढ़िए क्या है वजह…

केंद्रीय जेल रीवा से आजीवन सजा काट रहे 15 कैदी रिहा कर दिए गए है, पढ़िए क्या है वजह

उल्लेखनीय है कि आज केंद्रीय जेल रीवा से पंद्रह आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को रिहा किया गया है, जिसमे चौदह पुरुष बंदी है जबकि एक महिला बंदी है।आपको बता दे रिहा किये गए सभी बंदी 302 के सजायाफ्ता बंदी है, जिन्होंने अपनी सजा का ज्यादातर समय जेल में बिता चुके है।

गौरतलब है कि 22 सितम्बर को मप्र की बंदी पुनर्वास योजना/गाइडलाइन्स के तहत इन बंदियों को छोड़ा गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार बताया गया कि मप्र शासन के आदेशानुसार भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर इन कैदियों को छोड़ने का आदेश मिला था जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है।

डॉ. भीम राव अम्बेडकर जंयती के अवसर पर आजीवन कारावास के 15 बंदी सजा में छूट का लाभ पाकर रिहा किये गये । रिहा बंदियों में से जिला रीवा का एक बंदी, अनूपपुर के दो बंदी, शहडोल के चार बंदी, सीधी एवं सिंगरौली के तीन-तीन बंदी, सतना का एक बंदी तथा सोनभद्र (उ.प्र.) के एक बंदी को रिहा किया गया ।

शासन के आदेश अनुसार रीवा केंद्रीय जेल में आजीवन सजा काट रहे 15 कैदियों को रिहा किया गया है, रिहा किए गए कैदियों में 14 पुरुष और एक महिला शामिल है। आपको बता दें कि भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर इन कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया गया है।

सभी कैदी हत्या जैसे जघन्य वारदात में अजीवन सजा काट रहे थे ,रिहा हुए कैदियों ने बताया कि अब वह अपने पुराने जीवनधारा पर लौट कर घर गृहस्ती के काम में जुटेंगे I

वही जेल प्रबंधन ने बताया कि पहले 15 अगस्त, 26 जनवरी को अच्छे आचरण करने वाले कैदियों को रिहा किया जाता था, लेकिन नई गाइडलाइन में 2 अक्टूबर और 14 अप्रैल भी शामिल कर लिया गया है ।जिसमें जेल में अच्छे आचरण करने वाले कैदियों को रिहा किया जाता है उसी गाइडलाइन के तहत 15 कैदियों को रिहा किया गया हैI

मीडिया से बातचीत में रिहा हुए बंदी सूरजदीन ने बताया कि जेल में वह 2009 से बंद है, और आज रिहा होने के बाद वह अपने घर जाएगा, खेती करेगा सब्जी की दूकान खोलेगा और सबसे अच्छी तरह से मिल के रहेगा, उसके चेहरे पर आत्मसंतोष और प्रसन्नता के भाव साफ़ देखे जा सकते थे। इसी प्रकार रिहा हुए अन्य कैदियों के चेहरे में भी संतोष और प्रसन्नता थी, सभी के अपने अपने सपने है जिन्हे वह रिहा होने के बाद मूर्तरूप देने का प्रयास करेंगे और अच्छा सामाजिक जीवन व्यतीत करने का प्रयास करेंगे।

जेल अधीक्षक सतीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि जेल से रिहा होते समय बंदियों में खुशी का माहौल रहा है। जेल में परिरूद्ध रहने के दौरान बंदियों को स्वरोजागारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। जेल अधीक्षक द्वारा सभी बंदियों को जेल रिहा होने के पश्चात समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण कर कानून का पालन करने का संदेश दिया गया है। इस दौरान संजीव कुमार गेंदले उप जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक राघवेश अग्निहोत्री श्याम सिंह कुशवाह सहायक जेल अधीक्षक, श्याम सुंदर दुबे वरिष्ठ प्रहरी, आकांक्षा तिवारी प्रहरी उपस्थित रहे ।

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