म.प्र. में अप्रैल शुरू होते ही बदल गया बहुत कुछ , हैरतंगेज करने वाले लिए गए फैसले ; चुनावी वर्ष होने के कारण कही हो न जाए बीजेपी को नुकसान !…
म.प्र. में 01अप्रैल से बहुत कुछ बदल जाएगा।बहुत सी चीजे महंगी होने वाली हैं । लोगो की जेब ढीली करने की तैयारी में है राज्य सरकार।
- म.प्र. में 01 अप्रैल से होंगे बड़े बदलाव
- टोल दर (Toll Rate) 7% तक बढ़ेंगे
- Property की Guideline भी बढ़ेगी
- अहाते होंगे बंद
- लोगो की जेब होगी ढीली
- चुनावी वर्ष होने से चुनाव विशेषज्ञ कर रहे समीक्षा
उल्लेखनीय है कि 2023 मध्य प्रदेश के लिए चुनावी वर्ष है ,ऐसे में उम्मीद थी कि महंगाई घटेगी ,लोगो को छूट और राहत दी जाएगी, पर हो रहा इसके उलट ।
गौरतलब है कि एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है , ऐसे में एम.पी. में बजट के हिसाब से बहुत कुछ बदल गया है । कुछ फैसले तो ऐसे लिए गए जिनसे राजस्व तो बढ़ेगा लेकिन नागरिकों की जेब ढीली हो जायेगी ।
आइए इस लेख में जानते है कि एक अप्रैल से मप्र में क्या बढ़ने वाला है , जिससे कि जनता को राहत की जगह जेब ढीली करनी पड़ेगी_
शराब अहाते होगे बंद
मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से कई बड़े बदलाव होंगे। इनमें प्रमुख रूप से शराब के ढाई हजार (2500) से ज्यादा अहाते बंद कर दिए जाएंगे। इससे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर,उज्जैन, रीवा समेत प्रदेशभर के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इस फैसले से अब लोग शराब खरीदकर अहातो में नही बैठ पाएंगे।निश्चित रूप से इससे समाज ने अच्छा संदेश जाने की संभावना है, बशर्ते इस नियम की पालना कड़ाई से कराई जाए । अगर अहाते बंद हुए तो लोग अहातो में पीने के बाद , नशे में गाड़ी चलाते हुए घर नहीं जायेगे, जिससे कि आगामी दिनों में रोड एक्सीडेंट होने की दर में भी कमी आने की संभावना हैं ।
टोल दर (toll rate) में होगी बढ़ोत्तरी
दूसरी ओर , महंगाई का असर भी बढ़ेगा , क्योंकि टोल वाली सड़कों से गुजरना महंगा हो जाएगा। टोल रेट में सात प्रतिशत (07 %) तक की बढ़ोतरी होगी।
1 अप्रैल से मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की सड़कों से गुजरना महंगा हो जाएगा। 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी। भोपाल-जबलपुर, औबेदुल्लागंज-नागपुर, भोपाल-रायसेन-सागर रोड पर टोल 2 से 5 प्रतिशत तक बढ़ेगा। ऐसे में भोपाल से रायसेन होते हुए सागर जाने पर कार वालों को दो से पांच रुपए ज्यादा देने होंगे। ये सड़कें एनएचएआई की है।
इसी तरह एमपीआरडीसी की सड़कों पर भी गुजरना महंगा होगा। यहां 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। उदाहरण- यदि आप भोपाल से इंदौर कार से जा रहे हैं, तो आपको अब 15 रुपए ज्यादा देने पड़ेंगे। आने-जाने पर 30 रुपए टोल ज्यादा देना पड़ेगा। अभी तक भोपाल से देवास के बीच तीन टोल पर 137 रुपए लगते थे, जो अब 147 रुपए देने होंगे। देवास से इंदौर के बीच एक टोल है, जो एनएचएआई का है। भोपाल से ग्वालियर जाने में एनएचएआई के पांच टोल हैं। इन पर अभी एक्सयूवी लग्जरी कार का 600 रुपए टोल लगता है। 1 अप्रैल से टोल दरों में हो रही बढ़ोतरी से 40 रुपए रुपए ज्यादा देने होंगे यानी अब 640 रुपए टोल के लगेंगे। आने जाने में यह राशि 1280 रुपए होगी। इसी तरह, भोपाल से जबलपुर के बीच चार टोल आते हैं, जिन पर 320 रुपए लगते हैं, अब 16 रुपए ज्यादा लगेंगे। यानी 336 रुपए लगेंगे। आने जाने में यह राशि 672 रुपए होगी। इसी तरह सागर जाने में टोल के 115 रुपए लगते हैं, अब 122 रुपए लगेंगे। आने जाने में 244 रुपए लगेंगे।
प्रॉपर्टी होगी महंगी
प्रॉपर्टी की गाइडलाइन बढ़ने से प्रॉपर्टी भी महंगी हो जाएगी। मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से उन इलाकों में प्रॉपर्टी खरीदना महंगा हो जाएगा, जहां कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक दर पर रजिस्ट्री हो रही है.
मध्य प्रदेश में अपने सपनों का घर खरीदने का मन बना रहे लोगों के लिए एक बुरी खबर आई है. दरअसल, प्रदेश में 1 अप्रैल से उन इलाकों में प्रॉपर्टी (Property) खरीदना महंगा हो जाएगा, जहां कलेक्टर गाइडलाइन (Guideline) से अधिक दर पर रजिस्ट्री हो रही है. इनमें से चिन्हित एक लाख 10 हजार लोकेशन में से 6 हजार पर प्रॉपर्टी खरीदना 5 से 25 फीसदी तक महंगा हो जाएगा. इस बात पर लंबे मंथन के बाद केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने इन लोकेशन पर मुहर लगा दी है.
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के अनुसार भोपाल में कुल 4113 लोकेशन हैं, वहीं इंदौर के 4750 में 745 लोकेशन पर प्रॉपर्टी के दाम 10 फीसदी से 25 फीसदी तक बढ़ा दिए गए हैं. केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड द्वारा सभी जिलों में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन तय कर दी है. इससे पहले पंजीयन मुख्यालय के अफसरों ने दावा किया था कि जिन इलाकों में कलेक्टर गाइडलाइन अधिक और बाजार के मूल्य कम है, वहां दाम घटाए जा सकते हैं, लोकिन बोर्ड की बैठक में इस पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं हुआ.
क्यों बढ़ाए गए दाम
प्रदेश में प्रॉपर्टी के दाम बढ़ने को कारण यहां पर गाइडलाइन में तय दर से अधिक दाम पर रजिस्ट्री कराना है. इसके अलावा नए प्रोजेक्ट आ रहे हैं उनके आसपास प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त बढ़ना और बिजली, पानी और ट्रांपोर्टेशन के लिए नए रूट्स बने यह बताया जा रहा है. वहीं आपको बता दें कि प्रदेश में पिछले तीन साल से कलेक्टर गाइडलाइन में वृद्धि नहीं हुई थी.