चीन में कोरोना के बढ़ते संक्रमण व नए वैरिएंट मिलने के बाद भारत सरकार ने सभी राज्यों में अलर्ट जारी किया है। अफसोस करने वाली बात यह है कि कोरोना वैक्सिनेशन को लेकर अब तक लोग जागरूक नहीं हो सके। रायगढ़ जिले में प्रथम व दूसरे डोज को लेकर प्रदेश भर में रिकार्ड बनाया है। अब यह प्रिकॉशन डोज लगवाने लोग ध्यान नही दिए। यह कहीं जिले के लिए भारी न पड़ जाए। यह कहना गलत नही होगा।
क्योंकि बूस्टर डोज लगवाने के लिए जिले वासियों ने जागरूकता नहीं दिखाई। वैक्सीन की उपलब्धता के हिसाब से साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को 30 हजार से अधिक डोज एक्सपायर हो जाएगी। इसका असर जहां वायरस बचाव व सरकारी फंड का दुरूपयोग की तरह होगा। जिले में कोवैक्सीन के 30 हजार डोज स्टाक में है। जिसकी एक्सपायरी तिथि 31 दिसंबर तक है।
वहीं कोविशिल्ड के वैक्सीन की अनुपलब्धता है जबकि यह लोगो की पहली प्राथमिकता के तौर पर पसन्द है। कालातीत डोज होने से सरकार पर उसका सीधा असर खर्च पर पड़ेगा। हालांकि जिले के लिए अच्छी बात यह है कि लंबे समय से जिले में कोरोना के मामले शून्य हैं।
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर वैक्सीन को काफी हद तक कारगर माना गया है। लेकिन जिले में ढलान में कोरोना वायरस का प्रकोप आने के बाद लोगो ने वैक्सीन लगवाने को नजरअंदाज कर दिए। साथ ही कोरोना केस नहीं होना भी एक कारण है। इसी वजह से बूस्टर डोज अब तक मात्र 26 प्रतिशत लोगों ने लगवाया है।