सेमरिया : महिला की मौत या हत्या ? किसकी कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
- महिला की मौत बनी अबूझ पहेली
- सुलझाने का प्रयास नहीं या जानबूझकर दबाने की कोशिश !
- सबूत और गवाह कर रहे कुछ दूसरा इशारा लेकिन गलत दिशा में मोड़ने का हो रहा प्रयास महिला की मौत के बाद बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
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सेमरिया थाना क्षेत्र में कोई भी मामला या घटना हो और राजनैतिक तुल ना पकड़े ,ऐसा शायद ही किसी मामले में होता है। एक बार फिर एक दलित महिला की मौत का रहस्य, अबूझ पहेली बना हुआ है। दरअसल जब साक्ष्य , घटनास्थल कुछ और कह रहा हो, लेकिन जांच दूसरी दिशा में की जाए ,तो शंका होना जायज है । दरअसल सेमरिया थाना क्षेत्र के रगौली गांव में 27 फरवरी की रात , स्थानीय निवासी शैलेंद्र सिंह ,धर्मेंद्र सिंह एवं आशीष सिंह और महिला का पति सोनू ,खेत में दारू मुर्गा पार्टी किया था, जिस स्थान पर मुर्गा पार्टी आयोजित की गई थी, वहा एक घास फूस की बनी झोपड़ी है, उसी झोपड़ी में 5 व्यक्ति मौजूद थे।जहां सभी ने शराब का सेवन किया था ,और नशे में धुत्त थे, रात के इस घटनाक्रम के बाद ,जब सुबह आसपास के लोगों को जानकारी हुई ,तो उन्होंने पाया कि ट्रैक्टर पलटने से,गुल्ली आदिवासी की मौत हो गई ,घटना की जानकारी लगते ही आसपास के लोग पहुंचे , लेकिन घटना जिस तरह से घटित हुई ,और जो बताई गई वह लोगों के गले नहीं उतर रही है । दरअसल घटनास्थल के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि, महिला का शव उसी झोपड़ी से अस्पताल ले जाया गया था, जंहा दरमियानी रात दारू पार्टी हुई थी। बयान देने वाला ब्यक्ति मृतिका के मायके वालों में से ,एक बताया जाता है ।
यह बयान देने वाला व्यक्ति (प्रत्यक्षदर्शी) ,जो घटनास्थल के पास ईटा पाथने का काम करता है , उसका नाम पता इसलिए नहीं बताया जा रहा है, की जिन पर आरोप है वो क्षेत्र के दबंग लोग है , जो मीडिया को भी दबाने की कोशिश कर चुके है, अतः इसको भी नुकसान पहुंचा सकते है।। इन्हे राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है , गवाह के साथ कोई अप्रिय घटना ना घटे , इसलिए उसकी सुरक्षा को देखते हुए उसका नाम और पता नहीं बता रहे है।
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उल्लेखनिय है कि इस पूरे मामले में उक्त ब्यक्तियों के खिलाफ शंका की सुई इसलिए घूम रही है क्योंकि महिला के मौत का कारण उक्त लोगों के द्वारा ट्रैक्टर से दबकर होना बताया गया है। जिस स्थान पर ट्रैक्टर पलटा ,वह ना तो घटनास्थल के पास है , ना ही सेमरिया रोड में है, बल्कि वह विपरीत दिशा डभौरा मार्ग पर है।उक्त दारू पार्टी करने वाले लोगो के द्वारा आम लोगों के साथ-साथ पुलिस को यह बताया गया है कि महिला की रात्रि में तबीयत बिगड़ी और उसे ट्रैक्टर से लेकर सेमरिया जा रहे थे ,रास्ते मे ट्रैक्टर पलट गया और महिला की दबने से मौत हो गई ,अगर ऐसा है तो सेमरिया मार्ग में ट्रैक्टर जाना चाहिए था , फिर ट्रैक्टर से ही क्यों ले जाया जा रहा था, जबकि जिन पर आरोप है उनके पास स्वयं फोर व्हीलर गाड़ीया है ,एम्बुलेंस है। ट्रैक्टर प्लेन जगह पर कैसे चारों खाने चित हो गया ,फिर महिला के गले में ही चोट क्यों लगी , वह भी ऐसा लग रहा है जैसे उसका गला रस्सी से घोटा गया हो। ट्रैक्टर चकनाचूर हो गया, आम लोगों का कहना है कि बराबर जगह पर ट्रैक्टर पलटने की संभावना नहीं है , वैसे भी ट्रैक्टर को ऊबड़ खाबड़ जगह पर चलने के लिए बनाया जाता है,ऐसे में अगर ट्रैक्टर पलटा भी था तो अन्य लोगों को भी चोटे आनी चाहिए थी , कुल मिलाकर आरोप है कि महिला की हत्या की गई ,मौत के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए सुनियोजित ढंग से ट्रैक्टर पलटाया गया और मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है । स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस भी पूरे मामले में संलिप्त है ,क्योंकि वह भी इन बिंदुओं पर जांच नहीं कर रही है। जिन पर मृतिका के मायके और ग्रामीण लोगों को शंका है ।
अब पुलिस को चाहिए कि, इतने संवेदनशील मामले में गंभीरता दिखाएं, और बयान देने वालों से पूछताछ करें ,पुलिस के पास संसाधन है, हां यह जरूर है कि पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की बात कर रही है, लेकिन आज 1 सप्ताह से अधिक हो गया ,पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिली ,वह भी सन्देहास्पद है। आम तौर पर पुलिस को शार्ट पीएम रिपोर्ट शीघ्र मिल जाती है, लेकिन उन मामलों में जिनमें ,पुलिस कार्यवाही करना चाहती है । इस मामले में रिपोर्ट नहीं मिली, क्यों नहीं मिली ,यह तो पुलिस प्रशासन और पीएम करने वाले चिकित्सक ही जानें, लेकिन जो सवाल खड़े हो रहे हैं , वह यही है , कि क्या दलित महिला की हत्या की गई ,जिसका परिजनों को शंका ही नही ,बल्कि पक्का यकीन है। और साक्ष्य छिपाने के लिए ,पूरा खेल खेला जा रहा है। जो सवाल जनता जानना चाहती है ,वह यह है कि, अगर महिला की ट्रैक्टर के नीचे दबने से मौत हुई ,तो अन्य को चोट क्यों नहीं लगी, महिला के शरीर में भी कोई चोट नहीं पहुंची, सिर्फ गले में रस्सी के निशान ही क्यों हैं । तीसरा सवाल है कि जो शराब पार्टी किए थे ,वह महिला को सेमरिया ना ले जाकर ,डभौरा की तरफ क्यों ले जाना चाह रहे थे, जबकि घटनास्थल से महज 200 मीटर में सड़क है । फिर ट्रैक्टर को डभौरा मार्ग पर ,खराब पत्थरों के तरफ क्यों ले जाया गया । यहां के लोगों का यह भी कहना है कि, उक्त ट्रैक्टर को पलटाने के लिए, दूसरे ट्रैक्टर का उपयोग किया गया, जिस पर रस्सी बंधी हुई है। अगर इतने सवाल है ,तो जवाब मिलना चाहिए, और यह जवाब देने की जवाबदारी ,पुलिस प्रशासन की है।
पुलिस प्रशासन पर, जो आरोप लगते हैं ,वह यूं ही नहीं लगते, जब आग लगती है, तब धुआं उठता है और, इस धुंए को बंद करने की जवाबदारी भी, पुलिस प्रशासन की है, पुलिस को चाहिए कि उक्त मामले की, निष्पक्ष जांच करें ,और एक मृत आदिवासी महिला के परिजनों को न्याय दिलाये। महिला के पति से भी ,कड़ाई से पूछताछ होनी चाहिए ,क्योंकि मृतिका के परिजनों का आरोप है कि, शराब पार्टी के दौरान ,उसके साथ गलत किया गया, विरोध करने पर ,गला घोट कर मौत के घाट उतारा गया, तो निश्चित तौर पर मामला गंभीर है ,और सभी से कड़ाई से पूछताछ कर, बिना किसी राजनीतिक दबाव के, पुलिस को मामले का खुलासा करना चाहिए।
अब देखने वाली बात यह होगी कि, पुलिस पूरे मामले को किस मोड़ पर पहुंचाती है।
by Umesh Shukla @ ‘VIRAT24’ news