

सेमरिया का अगला विधायक कौन…केपी ,अभय या संजय या कोई और !
2023 चुनावी वर्ष है, सरगर्मियां जोरों पर है, सभी पार्टियां जहां अपने-अपने प्रत्याशियों की नब्ज टटोलने में लगी है, जनता का मूड परखने के लिए केंद्र , प्रदेश और जिले की टीमें लगी हुई है , वहीं विधानसभा में उम्मीदवारी जताने वाले भी अपनी अपनी दावेदारी पेश करना शुरू कर दिया है .
रीवा जिले में इन दिनों सबसे चर्चित विधानसभा सीट सेमरिया मानी जा रही है -जहां सबसे ज्यादा प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाते आ रहे हैं ,2023 के चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस में कई प्रत्याशी दमखम लगा रहे है।
खासकर सत्तारूढ़ भाजपा से वर्तमान विधायक के पी त्रिपाठी जहां अपनी टिकट पक्की मान रहे हैं ,वही विगत कई वर्षों से इस क्षेत्र में युवा नेता संजय द्विवेदी निरंतर लोगों से संपर्क में है।
संजय द्विवेदी 2018 के चुनाव में भी प्रबल दावेदारों में थे, लेकिन तत्कालीन मंत्री रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला का वरद हस्त प्राप्त होने के चलते सेमरिया विधानसभा से भाजपा की टिकट केपी त्रिपाठी को मिली , इसके बावजूद संजय लगातार क्षेत्र के लोगों के दुख सुख में सामिल हो रहे हैं ,तो वही कांग्रेस पार्टी से भी कई दावेदार जहां अपना दावा प्रस्तुत कर रहे हैं वहीं क्षेत्र में अपने-अपने समर्थकों से जहां सोशल मीडिया में दावा पेश करा रहे हैं वहीं कई अन्य जो इस क्षेत्र से पहले भी चुनाव लड़कर पराजित हो चुके हैं या अनुशासनात्मक कार्यवाही हो चुकी है, टिकट की आस में नजर लगाए है .


सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में संजय द्विवेदी की बढ़ती लोकप्रियता और वर्तमान विधायक के पी त्रिपाठी के विवादित कारनामों के लिए अक्सर चर्चा में बने रहने को देखते हुए केपी त्रिपाठी और संजय द्विवेदी की लोकप्रियता जानने हमारी टीम ने सेमरिया विधानसभा में प्रयास किया ,तो कुछ अलग ही कहानी सामने आई ,जिसे सुनकर आप भी समझ लेंगे कि जनता क्या चाहती है। कुछ तो सत्ताधारियों से इतना नाराज है कि हम उनकी बातें आप को सुना भी नही शकते।
उल्लेखनीय है कि संजय द्विवेदी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉक्टर अजय प्रताप सिंह के काफी करीबी माने जाते है और यह किसी से छिपा भी नहीं है कि संजय द्विवेदी अपने दम पर क्षेत्र में जगह बना कर इस मुकाम तक पहुंचे है।आपने कई बार सुना होगा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीधे संजय का नाम लेकर बुलाते हैं और जहां भी सम्भाग में मुख्यमंत्री का दौरा हो संजय द्विवेदी मौजूद रहते हैं और अक्सर मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं और करीब दिखते भी है।
वहीं दूसरी तरफ वर्तमान सेमरिया विधायक के पी त्रिपाठी राजेंद्र शुक्ला के करीबी है, राजेंद्र शुक्ला की वजह से ही उन्हें 2018 में टिकट मिली और जीत हासिल किया आज भी केपी त्रिपाठी को मुख्यमंत्री के समक्ष पहुंचाने में राजेंद्र शुक्ला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, कई कार्यक्रमों में देखने को मिला है कि राजेंद्र शुक्ला केपी का हाथ पकड़कर शिवराज सिंह चौहान के पास खड़ा किया है और पूरे कार्यकाल में जो विधायक केपी त्रिपाठी के विवादित क्रियाकलाप रहे हैं उनमें माना जाता है कि राजेंद्र शुक्ला ने ही उनकी वकालत की है,जो किसी से छिपी नहीं है और यह माना जाता रहा है कि राजेंद्र शुक्ला का वरदहस्त प्राप्त करने के कारण ही केपी चाहे वह सीईओ कांड हो, मीडिया की गाड़ी पर हमला रहा हो ,गरीबों की लगी फसल कुचलना रहा हो ,सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कराए गए मामले रहे हो या विरोधियों को कुचलने के प्रयास में दर्ज कराये गए मामले हो इन्हीं की छत्रछाया में करते रहे है।
निश्चित तौर पर संजय दुबेदी को सेमरिया से टिकट पाना आसान नहीं होगा ,पर जिस तरह से संजय द्विवेदी की लोकप्रियता युवाओं के बीच में है उसको देखते हुए इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि संजय द्विवेदी को बीजेपी टिकट दे दे।
बहरहाल क्या होगा क्या नहीं यह तो वक्त ही तय करेगा ।