सीधी पेशाब कांड पीड़ित को मिली आर्थिक सहायता, सीएम ने लगाया मलहम या कर रहे सियासी डैमेज कण्ट्रोल ?


सीधी पेशाब कांड पीड़ित को मिली आर्थिक सहायता, मामा जी का मलहम या सियासी डैमेज कण्ट्रोल !

सीधी पेशाब कांड के पीड़ित को शिवराज सरकार ने पांच लाख की आर्थिक सहायता, साथ ही घर बनाने के लिए 1.5 लाख अलग से देने का एलान कर दिया है।
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के सीधी में हुए पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी युवक के कल सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पैर धोकर सम्मान किया था। उन्हें सुदामा बताते हुए उनके साथ खाना भी खाया था।

वहीं देर रात खबर आई कि मध्यप्रदेश सरकार ने पीड़ित दशमत रावत को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं बल्कि शिवराज सरकार ने घर बनाने के लिए पीड़ित को 1.50 लाख रुपये देने का ऐलान भी किया है।

सीधी कलेक्टर ने ट्वीट कर दी जानकारी :
कलेक्टर सीधी ने ट्वीट करके जानकारी दी, कि “माननीय मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार दशमत रावत को 5 लाख रुपये की सहायता राशि तथा आवास निर्माण के लिए 1 लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।”

दशमत अब मेरे दोस्त: सीएम
उल्लेखनीय है कि कल सीएम शिवराज से मुलाकात के बाद दशमत रावत ने बताया था कि उनके घर की दीवार बनना बाकी है। शिवराज ने दशमत से पूछा था कि क्या करते हो, घर चलाने के क्या साधन है? कौन-कौन सी योजनाओं का लाभ मिल रहा है? शिवराज ने दशमत को सुदामा भी कहा था। सीएम ने कहा कि दशमत अब मेरे दोस्त हैं।

बहरहाल सीधी पेशाब काण्ड पीड़ित को तो न्याय मिल रहा है। सीएम उन्हें अपना दोस्त बता रहे है। पैर धोकर सम्मान कर रहे है। आर्थिक सहायता दे रहे हैं। पर प्रदेश के बाकी पीड़ितों का क्या होगा ! उनके साथ कैसे न्याय होगा ! उनके दर्द पर कब मलहम लगेगा ? क्युकी सूबे से प्रताड़ना के मामले तो रोज आ रहे हैं।
अहम बात तो यही है कि सीएम ने सीधी मामले को क्या इसलिए इतने अच्छे से हैंडल किया क्युकी वो मीडिया द्वारा हाइलाइटेड कर दिया था!
क्या सीएम सियासी उठापटक की खबरों और विपक्ष के सक्रीय होने से बैकफुट में आ गए है और इसीलिए आनन् फानन में सीधी पीड़ित को दर्द का मलहम लगा रहे है ???

बहरहाल जो भी हो, सीएम ने जिस तरह से सीधी पेशाब काण्ड को हैंडल किया है उससे एक बात तो साफ़ है कि वो एक मझे हुए राजनितिक खिलाड़ी है। चूकि चुनावी वर्ष है, इसीलिए विपक्ष भी किसी भी ऐसे मामले को सोने का अंडा देने वाली मुर्गी मानिंद समझ रहा है और मौको को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
आने वाला समय निर्णायक होगा और बहुत कुछ सियासी गहमा गहमी / राजनितिक ड्रामे आदि देखने को मिलेंगे।

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