सदियों से चली आ रही परंपरा…इस गाँव में निर्वस्त्र रहती है महिलाएं,अनहोनी के खौफ से निभाती हैं परंपरा!

एक गांव ऐसा भी है, जहां महिलाएं कई दिनों तक बिना कपड़े के ही रहती हैं. (Credit- Canva/सांकेतिक तस्वीर)

दुनिया में मौजूद है अजीबो गरीब परम्परा : दुनिया बहुत बड़ी है और यहां के हर कोने में लोगों की अपनी-अपनी परंपराएं और रिवाज़ हैं. कुछ रिवाज़ तो हमें अपने आसपास ही लगते हैं तो कुछ ऐसे होते हैं, जिन्हें सुनकर हम दंग रह जाते हैं. आप अक्सर ऐसी परंपराओं का पालन करते हुए महिलाओं को ही देखते होंगे. मसलन अफ्रीकन जनजातियों में महिलाओं को पुरुषों से पिटना पड़ता है और कपड़े पहनने का रिवाज़ नहीं होता है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ दूर-दराज़ की जनजातियों में ही नहीं बल्कि हमारे देश में भी इस तरह की परंपराएं पाई जाती हैं, जो महिलाओं के अस्तित्व को चोट पहुंचाती हैं. महिलाओं के कपड़ों को लेकर आज तक विवाद होते रहते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में ही एक गांव ऐसा भी है, जहां महिलाएं कई दिनों तक बिना कपड़े के ही रहती हैं

5 दिन तक बिना कपड़ों के रहती हैं महिलाएं
रूढ़िवादी परंपराओं के नाम पर महिलाओं को तमाम ऐसी चीज़ों का पालन करना पड़ता है, जो उन्हें शायद दिल से न कुबूल हों. एक ऐसी ही परंपरा हिमाचल प्रदेश में स्थित मणिकर्ण घाटी में सदियों से चली आ रही है. पीणी गांव में रहने वाली महिलाओं को साल में 5 दिन तक निर्वस्त्र यानि बिना कपड़ों के ही रहना पड़ता है. ये परंपरा सावन के महीने में निभाई जाती है और इसके पीछे एक रोचक इतिहास भी है. हालांकि इन 5 दिनों में महिलाएं पुरुषों के सामने नहीं आतीं और घर के अंदर ही बंद रहती हैं और हंसती भी नहीं हैं.

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अशुभ होने के खौफ से निभाती हैं परंपरा
मान्यता है कि सदियों पहले एक राक्षस था, जो गांव में सजी-धजी शादीशुदा महिलाओं महिलाओं को उठाकर ले जाता था. जो भी महिला सुंदर कपड़े पहनती थी, उन्हें वो ले जाता था और उनके साथ अत्याचार करता रहता था. आखिरकार देवताओं ने राक्षस का वध करके महिलाओं को इससे बचाया. इसके बाद से ये परंपरा चली आ रही है. अगर कोई महिला इसे नहीं निभाती है, तो इसे अशुभ माना जाता है. हालांकि अब समय के साथ इस परंपरा में थोड़ा बदलाव आया है और महिलाएं पतले कपड़े पहनती हैं और इसे 5 दिन तक नहीं बदलतीं.

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