सतना : फिर एक ‘भाजपा नेता’ ने पत्रकार के साथ की मारपीट

सतना : जिले में इस समय भाजपा नेताओं ने तांडव मचा कर रखा है

आज मझगवा थाना अंतर्गत जनपद अध्यक्ष का रिश्ते में देवर जो सांसद प्रतिनिधि भी है उसने बदसलूकी करते हुए एक पत्रकार के साथ मारपीट की है । जिसकी थाने में एफ आई आर भी कराई गई है ।

आज फिर एक भाजपा नेता ने पत्रकार के साथ मारपीट की है । इसके पहले भी चित्रकूट नगर पंचायत अध्यक्ष साधना पटेल  द्वारा पुलिसकर्मी को चप्पल से पीटा गया था ।

वही राजनीतिक संरक्षण प्राप्त रग्घू सिंह द्वारा भी पेट्रोल पंप संचालक के ऊपर मारपीट कर लूटपाट की गई थी और आज मझगवा थाना अंतर्गत जनपद अध्यक्ष का रिश्ते में देवर जो सांसद प्रतिनिधि भी है उसने बदसलूकी करते हुए एक पत्रकार के साथ मारपीट की है । जिसकी थाने में एफ आई आर भी दर्ज कराई गई है ।

जानकारी अनुसार नई दुनिया के पत्रकार आर्यन शर्मा के साथ भाजपा नेता व सांसद प्रतिनिधि निरंजन जायसवाल ने जनपद अध्यक्ष के चैंबर के अंदर मारपीट की है । यहां बता दें कि सांसद प्रतिनिधि बन कर निरंजन जायसवाल चला रहा है अपनी भाभी रेणुका जायसवाल की जगह जनपद मझगवां की अध्यक्षी ।

सरकार और प्रशासन के आदेश के बावजूद अफसर बौने बने हुए हैं ।

अवैधानिक रूप से सरकारी दफ्तर में दिन भर आखिर क्यों मौजूद रहता है ये भाजपा नेता ?

वही भाजपा के नेता अपने देवर के खिलाफ हो रही कानूनी कार्यवाही पर मझगवां जनपद सीईओ पर भी दबाव बनाने का प्रयास करती रही वो आर्यन शर्मा के ऊपर शासकीय कार्य मे बाधा की रिपोर्ट दर्ज कराए ।

लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि जनपद में निरंजन जायसवाल रोजाना कौन सा सरकारी काम करने जाते हैं ? घटना के वक्त उन्हें कौन सी जरूरी फाइलें किस हैसियत से उसे निपटानी थीं ? 

किसी जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि को क्या दफ्तर में चेम्बर के अंदर कुर्सी पर बैठ कर पब्लिक डीलिंग करने, कर्मचारियों की मीटिंग लेने और फाइलें मंगवाने के अधिकार हैं? अगर नही हैं तो शासकीय कार्य मे बाधा की रिपोर्ट तो निरंजन के खिलाफ भी होनी चाहिए ।

निरंजन जयसवाल लगातार अवैधानिक तरीके से सरकारी कार्यक्रमो में शामिल होता है और अफसरों पर धौस बनाता है। वैसे भरे मंच से कई बार पूर्व विधायक ने भी औकात में रहने और मास्टरी न करने की हिदायद दी थी । इस भाजपा नेता के खिलाफ पूर्व में पदस्थ एसडीएम दीपक वैद्य के साथ भी मारपीट करने के संगीन आरोप हैं और जानकारी अनुसार इसका जिला बदर का भी प्रकरण लंबित है ।

राज्य शासन के पत्र के अनुक्रम में सतना कलेक्टर ने आदेश जारी किया था कि महिला जनप्रतिनिधियों के बजाय उनके परिजनों के कामकाज करने पर महिला जनप्रतिनिधि के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई होगी । लेकिन आज की इस घटना से यह स्पष्ट समझ आ रहा की मझगवां जनपद अध्यक्ष के मामले में अब तक ऐसा कोई पत्राचार नही हुआ ! 

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