शहीदों की क्षतरियो का होगा कायाकल्प:नैकहाई

नैकहाई के नाम से प्रचलित इस युद्ध स्थल पर जर्जर हालत में 33 योद्धाओं की छतरियां अभी बनी है ,जो उनके बलिदान एवं गौरव गाथा को समेटे हुए हैं I

चोरहटा थाना क्षेत्र नैकहाई में युद्ध से जुड़ी हुई छतरियां बनी हुई है I नैकहाई के शहीदों की क्षतरियो का होगा कायाकल्प ,हुआ भूमि पूजन I रीवा राज्य की सेना द्वारा दिखाए शौर्य  का सम्मान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया I

लंबे समय से उपेक्षित नैकहाई युद्ध के शहीदों की छतरियों और युद्ध स्थल का कायाकल्प होने के आसार दिख रहे हैं, जिसका भूमि पूजन गत दिवस किया गया। 

स्थल पर जहां बाउंड्री वाल का निर्माण कराया जाना है वही बनी तत्कालीन क्षतरियो का भी कायाकल्प होगा। आपको बता दें कि 8 फरवरी को नैकहाई युद्ध की याद में योद्धा के परिजनों को बुलाकर जहां सम्मान किया गया वही उक्त स्थल का जीर्णोद्धार की बात कही गई । 

रीवा राज में पेशवा की सेना द्वारा किए गए आक्रमण का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए  युद्ध हुआ था I इस युद्ध के 227 वर्ष पूरे होने जा रहे है I यहां पर 8 फरवरी 1796 को बाजीराव पेशवा के वंशज अली बहादुर की सेना और रीवा राज्य के योद्धाओं के बीच  में युद्ध हुआ था I जानकारों की मानें तो पेशवा के सेनापति यशवंतराव नायक के नेतृत्व में रीवा राज्य में हमला किया गया था , जिसमें कलंदर सिंह करचूली और गजरूप सिंह बघेल कें नेर्तत्व में दो टुकड़िया युद्ध के लिए पहुंची थी I इस युद्ध में 12 बघेल , 9 करचुली, 1 परिहार, 1 गहरवार, 1 चंदेल, 1 पाठक, 1 बारी ,1 वर्गाही , 2 मुसलमान योद्धा शहीद हुए थे I पेशवा की सेना में 10000 सैनिक थे जिनका सामना रीवा के 200 योद्धाओं ने किया और जीत हासिल की थी I

रीवा राज्य की सेना द्वारा दिखाए शौर्य  का सम्मान करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया I जहां पर पुष्पांजलि अर्पित की गई I यहां पर युद्ध के दौरान शहीद होने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम रखा गया I इस कार्यक्रम में रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल, शहीदों के परिजन एवम सैकड़ों की संख्या में आम जन मौजूद रहें।कार्यक्रम में शहीदों की जर्जर पड़ी छतरियों का कायाकल्प कर इस जगह को सुंदर ढंग से सहेजने की बात कही गई।

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