विदेश मंत्री जयशंकर ने हनुमान जी को क्यों कहा सबसे अच्छा डिप्लोमेट और मोदी का पीएम होना सौभाग्य की बात
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भारतीय समुदाय से मुखातिब होते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को लेकर बोलै है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के बारे में असाधारण बात ये है कि वो कई चीजों की नब्ज तक टटोल लेते हैं और उन्हें अपनी नीति और कार्यक्रमों में इस्तेमाल भी करते हैं।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने राजनयिक से लेकर राजनेता तक के अपने सफर में कई नेताओं के साथ काम किया, लेकिन बिना छुट्टी के सातों दिन और 24 घंटे काम करना कुछ अलग ही बात है।
उन्होंने कहा, ‘ये बहुत बड़ा सौभाग्य है कि इस समय देश में पीएम मोदी जैसा कोई है और मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि वो आज प्रधानमंत्री हैं और मैं उनकी कैबिनेट का सदस्य। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि जब आपके सामने सदी में एक बार आने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो जमीन से जुड़ा वो व्यक्ति ही कह सकता है कि ठीक है स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन ऐसे समय में घर लौटने वालों के लिए क्या करें, उन्हें खिलाने-पिलाने के लिए क्या करेंगे, आप उनके खातों में पैसे कैसे डालेंगे। महिलाएं पैसों को बेहतर मैनेज कर सकती हैं, ऐसा विचार हर किसी के दिमाग में नहीं आ सकता।
विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी को सदी में एक बार आने वाली शख्सियत बताते हुए कहा कि अच्छे नेता जमीन से जुड़े हुए और काफी अनुभवी होने के साथ-साथ देश को अलग आयामों तक ले जाने का जुनून भी रखते हैं।
जयशंकर की नजर में सबसे अच्छे डिप्लोमेट:
इस दौरान विदेश मंत्री जो कि खुद एक राजनयिक रह चुके हैं उन्होंने कहा कि उनके मुताबिक सबसे अच्छा डिप्लोमेट अगर कोई था तो वो भगवान हनुमान थे। अपनी किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने ये किताब इस ध्येय से लिखी की कैसे महाभारत को अंतरराष्ट्रीय राजनीति का सामना करने के लिए गाइड के तौर पर उपयोग किया जाए।
उन्होंने बताया कि महाभारत शासन करने की कला है, लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे कि सबसे अच्छा राजनयिक कौन है तो मेरा जवाब होगा भगवान हनुमान। वो भगवान राम के लिए काम कर रहे थे, लेकिन इस स्थिति को एक देश की तरह समझा जाए, जो किसी ऐसे देश से डील कर रहा हो, जिसके बारे में आपको ज्यादा जानकारी न हो। आपको वहां जाना है, जानकारी इकट्ठा करना है, सीता का पता लगाना है। वो चुपके से सीता से संपर्क बना लेते हैं, उनका मनोबल बढ़ाते हैं। लंका में आग लगाते हैं, जो सलाह में राजनयिकों को नहीं दूंगा, लेकिन आप कुल मिलाकर देखें तो वो सफल होकर लौटे।