लोकायुक्त रीवा ने फिर दबोचा एक रिश्वतखोर को, स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कंप

  • लोकायुक्त रीवा ने फिर दबोचा एक रिश्वतखोर को, स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कं

रीवा: गौरतलब है कि लोकायुक्त पुलिस रीवा ने फिर एक रिश्वतखोर को धर दबोचा है। हैरानी की बात है कि रीवा में रिश्वतखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है जबकि लोकायुक्त आये दिन रिश्वतखोरो को पकड़ने का काम कर रहा है। मेडिकल आफीसर डॉ आरके साकेत को रिश्वत लेते पकड़ा गया है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार फिर एक रिश्वतखोर पकड़ा गया है। आपको बता दें कि इस बार मेडिकल ऑफिसर को लोकायुक्त ने सिर्फ 2000 रुपए लेते ट्रैप किया है। आपको बता दें कि सरकारी अस्पताल का एक डॉक्टर रिश्वत लेते पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि एमएलसी की रिपोर्ट बनाने के एवज में रुपए की मांग की गई थी। ऐन मौके पर लोकायुक्त रीवा ने 2000 रुपए लेते धर दबोचा है।

भ्रस्टाचारी नहीं डर रहे :
सरकारी कर्मचारियों के रिश्वत लेने की भूख इस कदर हावी है कि उन्हें किसी तरह का डर ही नहीं सताता। लोकायुक्त रीवा लगातार कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में दो दिन पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का लिपिक भी ट्रेप हुआ था। इसके पहले भी कई और कार्रवाईयां की जा चुकी हैं। फिर भी रिश्वत लेने वाले डर ही नहीं रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार मामला चुरहट सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का है। लोकायुक्त रीवा के पास चुरहट तहसील जिला सीधी ग्राम दुआरा निवासी अभिषेक सिंह पिता रमेश सिंह ने शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि उनके चाचा अंकुश सिंह को दुर्घटना में चोट आई थी। एमएलसी केस में गंभीर चोट लिखने के एवज में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चुरहट में पदस्थ मेडिकल आफीसर डॉ आरके साकेत ने 4000 रुपए की मांग की थी। इसमें से 2 हजार रुपए डॉक्टर ने पहले ही ले लिए थे। इसके बाद अभिषेक ने लोकायुक्त में शिकायत की।

लोकायुक्त एसपी रीवा ने मामले की जाच करवाई। जांच में रुपए मांगने की बात सही पायी गयी। इसके बाद जाल बिछाया गया और तय प्लान मुताबिक मंगलवार को अभिषेक सिंह को 2 हजार रुपए के नोट लेकर मेडिकल आफीसर डॉ आरके साकेत के पास भेजा गया। डॉक्टर ने चुरहट स्थित अपने शासकीय आवास पर ही अभिषेक को रिश्वत की रकम लेकर बुलाया था। जैसे ही डॉ क्टर ने रुपए लिए वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने रेड मार दी। डॉक्टर रिश्वत के रुपयों के साथ रंगे हाथ पकड़े गए।

आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई में ट्रेप अधिकारी जियाउल हक निरीक्षक रहे। उनके साथ प्रवीण सिंह परिहार उप पुलिस अधीक्षक सहित 12 सदस्यीय टीम शामिल रही।

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