रूस-यूक्रेन WAR special>युद्ध खत्म कराये भारत: जेलेंस्की/नाराज हुए पुतिन तो भारत को क्या नुक्सान? (read news from India’s angle)

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रूस-यूक्रेन युद्ध विशेष> (read news from India’s angle)

  • युद्ध खत्म कराये भारत: वोलोडिमीर जेलेंस्की
  • अगर कही नाराज हुए पुतिन तो भारत को क्या नुक्सान

यूक्रेन की गुहार, युद्ध खत्म कराए भारत सरकार; PM मोदी से वोलोडिमीर जेलेंस्की की अपील, अगर नाराज हुए पुतिन तो भारत की बढ़ेगी टेंशन, रूस की धमकी खतरे की घंटी!

इस एक न्यूज़ लेख में हम रूस यूक्रेन युद्ध पर बात करेंगे, पर भारत के नजरिये से। एक तरफ जहा यूक्रेन भारत से युद्ध खत्म करने की अपील कर रहा तो वही दूसरी और भारत रूस के जो ख़ास सम्बन्ध है, उस आधार पर अगर भारत का झुकाओ यूक्रेन की ओर हुआ तो रूस के नाराज होने से क्या नुक्सान होगा भारत को, इन्ही विषयो पर प्रकाश डालेंगे ..

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यूक्रेन की गुहार, युद्ध खत्म कराए भारत सरकार :
गौरतलब है कि यूक्रेन ने भारत सरकार से गुहार लगायी है कि PM मोदी/भारत सरकार मध्यस्थता करते हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराए। यह अपील वोलोडिमीर जेलेंस्की यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से की है। इस अपील के क्या मायने है, इसी पर हम विस्तार से बताने वाले है,

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सलिए इस अहम खबर को अंत तक जरूर पढ़िए

उल्लेखनीय है कि 21 मई को दोनों नेताओं के बीच पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात जापान के हिरोशिमा में हुई थी। रुस के आक्रामक रवैये का सामना कर रहे यूक्रेन को अब भारत से ही मदद की आस है। खबर है कि G-7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से युद्ध खत्म करने में मदद की अपील की है।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी से सिर्फ शांति स्थापित रखने में समर्थन की अपील की है। इसके अलावा कोई भी मांग नहीं रखी। इससे पता चलता है कि यूक्रेन भारत के बढ़ते कद से कितना प्रभावित है और इसीलिए भारत को मध्यस्थस्ता करने की गुहार लगा रहा है। इस सम्बन्ध में बैठक के दौरान उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री के सामने एक पीस प्लान भी पेश किया है। जेलेंस्की दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की ओर उम्मीद से देख रहे हैं। हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक उक्त मुद्दे पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। फिलहाल, यूक्रेन की तरफ से दिए गए प्रस्ताव पर विचार जारी है।

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पीएम मोदी ने युद्ध पर क्या कहा
पीएम मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन नौवें सेशन में यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध का जिक्र किया था। आपको बता दें कि नौवें सत्र के दौरान वैश्विक शांति, स्थिरता एवं समृद्धि के विषय पर चर्चा में रूस-यूक्रेन युद्ध और वहा कैसे शांति स्थापित हो यही विषय छाया रहा।

यूक्रेन के राष्ट्रपति के बयान का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘ राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को सुनाI वर्तमान परिस्थिति को राजनीति या अर्थव्यवस्था का मुद्दा नहीं मानता। यह मानवता का मुद्दा है, मानवीय मूल्यों का मुद्दा है। भारत ने शुरू से कहा है कि इस परिस्थिति के समाधान के लिए संवाद और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता हैI भारत से जो कुछ भी बन पड़ेगा, यथासंभव प्रयास करेंगे।

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भारत और रूस की दोस्ती काफी पुरानी और बेहद मजबूत रही है। दोनों देश एक दूसरे के लगभग हर अच्छे दौर से लेकर बुरे दौर तक साथ निभाते रहे हैं। इतिहास इसका साक्षी है। रूस ने जब यूक्रेन पर हमला बोला तो संयुक्त राष्ट्र ने रूस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा तो भारत ने वोटिंग से खुद को अलग रखते हुए अपना स्टैंड साफ रखाथा। हलाकि उस समय यूरोपीय देशो ने भारत की इस पर काफी खिचाई भी की थी परन्तु मजबूत भारत ने सबकी मुँह तोड़ जवाब दिया था।

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क्या किया था भारत ने
एक मजबूत लोकतांत्रिक और अहिंसा और संवाद की कुटनीति में विश्वास रखने वाले भारत उस वक्त ना तो वो रूस के खिलाफ गया और ना ही यूक्रेन के साथ। भारत समय और हालात को देखते हुए आगे बढ़ता रहा और मौका मिलते ही रूस से दोस्ती निभाते हुए सस्ता तेल खरीदना शुरू कर दिया था।

क्या दोस्ती में आ रही दरार

लेकिन अब इस दोस्ती में दरार आती प्रतीत हो रही है। पश्चिमी देश रूस को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ब्लैक लिस्ट’ में शामिल कर आर्थिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करने का प्रयास कर रहे हैं। रूस ने इसे लेकर भारत समेत अपने मित्र देशों से ‘धमकी भरे लहजे में’ मदद मांगी है।

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Russia ने भारत को दी तेल और हथियारों की डील कैंसिल करने की धमकी !!!

मीडिया में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने भारत समेत अन्य देशों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने (FATF) की ब्लैक लिस्ट से बचने में उसकी मदद नहीं की तो वह डिफेंस और एनर्जी डील रद्द कर देगा। एफएटीएफ एक इंटर-गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन है जो ‘अनुचित धन’ से मुकाबला करने के लिए मानक तय करता है। पश्चिमी देश एफएटीएफ पर रूस को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं।

क्या खतरे की घंटी साबित होगी रूस की धमकी?
मालूम हो एफएटीएफ ने इसी साल फरवरी में रूस को निकाय की सदस्यता से सस्पेंड कर दिया था। दूसरी तरफ यूक्रेन रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने पर जोर दे रहा है। फिलहाल इस रिपोर्ट को लेकर भारत और रूस दोनों की ही तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है मगर रूस की धमकी भारत के लिए खतरे साबित हो सकती है। अगर दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई तो इसका असर कई परियोजनाओं पर पड़ सकता है।

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क्या नुकसान हो सकता भारत को
रूस एफएटीएफ में शामिल हुआ तो तेल कंपनी रोसनेफ्ट और नायरा एनर्जी लिमिटेड के बीच सहयोग पर असर पड़ेगा। भारत को रूसी हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात के साथ-साथ डिफेंस सेक्टर में तकनीकी सहयोग भी प्रभावित हो सकता है। रूस की धमकी फरवरी में एयरो इंडिया 2023 प्रदर्शनी में प्रस्तुत नए जॉइंट एविएशन प्रोजेक्ट के लिए रूसी प्रस्ताव, भारत में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में प्रौद्योगिकी और ऊर्जा सहयोग और नॉर्थ-साउथ ट्रेडिंग कॉरिडोर के विकास से जुड़ी कार्गो परिवहन सेवाओं पर रूसी रेलवे के RZD Logistics और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच हुए समझौते के लिए खतरा पैदा करती हैं।

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बड़ी मुश्किल बढ़ेगी भारत की ?
अमेरिका ने यूक्रेन में युद्ध के चलते रूस को दुनिया का सबसे प्रतिबंधित देश बना दिया है। प्रतिबंधों के माध्यम से पश्चिमी देश रूस पर पीछे हटने का दबाव बना रहे हैं। मगर मॉस्को ने अपनी अर्थव्यवस्था को लगे झटके को भारत और चीन जैसे देशों के साथ संबंध मजबूत करके काफी हद कम कर दिया है। अगर रूस एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में शामिल होता है तो भारत के लिए इसे नजरअंदाज करना और हमेशा की तरह उससे व्यापार जारी रखना थोड़ा मुश्किल होगा।

by Er Umesh Shukla for ‘VIRAT24’ news

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