रीवा में बेरोकटोक फल फूल रहा सट्टा कारोबार, नहीं होती कोई कार्यवाही
- पुलिस की सह पर फिर शुरू हुआ जुआ सट्टा कारोबार
- शातिर सटोरिया और जुआरी दिलीप सिंधी का बेटा संभाला मोर्चा
- दिनेश-दीपू श्रीवास्तव की जोड़ी खिला रही गुल :
- सगमनिहा, गुढ़ चौराहा, घोघर आदि जगहों में सजने लगी जुए की फड़
रीवा: जिले में एक बार फिर अवैध कारोबार जमकर अपनी जड़े फैलाना शुरू कर दिया है। नवागत पुलिस अधीक्षक के पदभार ग्रहण करने के साथ ही पूरे जिले में जुआ सट्टा के कारोबार शुरू हो गए, जुआरियो और सटोरिया तो खुलेआम यह कहकर लोगों को विश्वास दिला रहे हैं कि उनकी सेटिंग पुलिस से हो गई हैI अब कोई कुछ नहीं कर सकता, कारोबारियों के उक्त दावों मैं सच्चाई भी दिखती है क्योंकि विगत कई माह से ना तो कोई जुआरी पकड़ा गया और ना ही सटोरिया, जबकि रीवा जिले में गांव से लेकर शहर तक जुए- सट्टे का कारोबार चल रहा हैI
रीवा शहर में बिछिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सगमानिहा, कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत पचमठा मंदिर के पास, गुढ़ थाना क्षेत्र का बगीचा, निपानिया होली के पीछे मैदान, रौसर के साथ-साथ नामी होटलों में यह कारोबार चल रहा है, लेकिन मजाल है कि नोटों की गड्डी के सामने पुलिस प्रशासन की नजर इन पर पड़ जाएI
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह के पदभार ग्रहण करते ही चाटुकारो ने जमकर खबर फैलाई की अब अवैध कारोबार पर लगाम लगेगा लेकिन पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह के आते ही जहां लूट चोरी हत्या की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई, वहीं अवैध कारोबार जो पूर्व पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह, नवनीत भसीन ने रोक लगाई थी वह कारोबार जमकर फलने फूलने लगे, कोतवाली थाना क्षेत्र का पचमठा, तकिया, चिकन टोला, तरहटी हमेशा चर्चा में रहेI जहां एक बार फिर पुलिस प्रशासन से सांठगांठ कर यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।जिसमें आए दिन जहां परिवार उजड़ रहे हैं वहीं चोरी लूट हत्या की घटनाएं घटित हो रही हैI लेकिन पुलिस को सिर्फ हरि गड्डियों से मतलब है, ना तो कोरेक्स की बिक्री पर रोक लग पा रही और ना ही अवैध जुआ सट्टे के कारोबार पर।
जिले में जुआरी और सटोरियों में चर्चित है दिलीप सिंधी :
रीवा में सट्टा किंग के नाम से चर्चित राजू छैला का नाम इन दिनों जितना चर्चा में नहीं है, उतना सातिर दिलीप सिंधी का है, इसके खिलाफ एनएसए की भी कार्यवाही हुई, इसके बावजूद इसकी आदतों में सुधार नहीं आया ,बताया जाता है कि दिलीप सिंधी का बेटा इन दीनों विक्की इसके कारोबार को संभाल रहा है, और यह भी खुलेआम बताता है कि पुलिस से साठ गांठ है ,जिस तरह से इसका कारोबार लक्ष्मण बाग ,तोपखाना , जिला चिकित्सालय के आसपास फैला हुआ है उससे तो यही लगता है कि इसने पुलिस प्रशासन को खरीद रखा है, जिसके चलते इसके ऊपर हाथ डालने की किसी की हिम्मत नहीं होती है। बताया जाता है कि बिछिया थाना में पदस्थ प्राइवेट ड्राइवर काजू थाना क्षेत्र में हो रहे अवैध कारोबारों को डीलिंग करता है।
जिले के अन्य चर्चित जुआरीयो में शुमार है :
जुआ सट्टे के कारोबार में शामिल चर्चित चेहरों की बात करें तो कोतवाली थाना क्षेत्र में सोनू खान पचमठा, मंदिर के पास जुआ खेला रहा है ,जबकि रौसर में हैदर और फरीद नाम के व्यक्तियों के द्वारा जुआ की फड़ सजाई जाती है ,जिसमें लाखों रुपए की फड़ लगती है, गुढ़ थाना क्षेत्र का कल्लू पठान ,लाल दाएं जिसमें पार्टनर बताया जाता है ,इसका साथी शरीफ वाली , बाबा भट्टी ,बड़ा जुबेर ,छोटा जुबेर ,मोटा पसीना स्थान बदल बदल कर जुए का कारोबार कर रहे हैं ,ऐसा नहीं है कि इनकी जानकारी पुलिस को नहीं है ,सब की जानकारी होने के बावजूद नोटों की गड्डीओ से आंख में पट्टी बंधी है और इनका मैनेजर एक महिला पुलिसकर्मी का पति है ,बताया जाता है कि थाना प्रभारियों के सह पर पूरे जिलों में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है ,कोई कार्यवाही ना होने के पीछे माना जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों का संरक्षण भी इन्हें मिला हुआ है
गुढ़ चौराहे का जुआ अड्डा है चर्चित :
शहर के बीचो-बीच गुढ़ चौराहे स्थित आर्य टाल के पीछे तालाब के किनारे शिवनाथ वर्षों से कारोबार चला रहा है ,तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन के निर्देश पर कोतवाली थाना प्रभारी आदित्य सिंह ने छापा मारा था जहां से कई जुआरी पकड़े गए थे लेकिन उक्त कार्यवाही भी नाम मात्र की थी, यहां के लोगों की माने तो इस अड्डे पर कई खाकी वर्दी धारी समय समय पर अपना हिस्सा लेने पहुंचते हैं ,जिसके चलते इस मोहल्ले में दिन रात धमाचौकड़ी चलती रहती है ,यहां के भी कारोबारियों का कहना है कि पुलिस से सेटिंग कर यह पूरा कारोबार चल रहा है।
दिनेश-दीपू श्रीवास्तव की जोड़ी खिला रही गुल :
कोतवाली और सिविल लाइन थाना क्षेत्र के बॉर्डर में दिनेश सिंह और दीपू श्रीवास्तव ने कब्जा जमा रखा है, बताया जाता है की पुरानी पोस्ट ऑफिस, कुशवाहा होटल के सामने तो कभी बैजू धर्मशाला के सामने वाली तंग गली मैं दिनेश सिंह और दीपू श्रीवास्तव मिलकर सट्टा खिलाने हैं ,दर्जनों मामले उनके खिलाफ दर्ज किये जा चुके हैं ,लेकिन यह भी अपने इस कारोबार का मोह नहीं छोड़ पा रहे ,खुलेआम सट्टा पर्ची काटते ईनके गुर्गे मिल जाते यह भी सट्टा पर दम लगाने वालों को भरोसा दिलाते हैं कि पुरी पुलिस की सेटिंग से कारोबार चल रहा है ,हद तो यह है कि लंबे समय से पुलिस की एक भी प्रेस विज्ञप्ति नहीं आई जिसमें सट्टा,जुआ कारोबारी के खिलाफ कोई कार्यवाही हुई हो ,जिससे लगता है कि पुलिस प्रशासन खुली छूट दे रखा है।